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पुरी में बहुड़ा यात्रा की तैयारियां शुरू
पुरी। 28 जून को महाप्रभु श्री जगन्नाथ, देव बलभद्र और देवी सुभद्रा गुंडिचा मंदिर से घर वापसी श्रीमंदिर आएंगे। इन देवों की बहुड़ा यात्रा की तैयारी शुरू हो गई है। रविवार को दक्षिण मोड़ा अनुष्ठान आयोजित किया गया। दक्षिण मोड़ा अनुष्ठान रथों से जुड़ा हुआ अनुष्ठान है। रथयात्रा के बाद से गुंडिचा मंदिर के सामने खड़े तीनों रथों का मुख उत्तर दिशा की ओर रहता है। इसके तहत वापसी यात्रा के लिए रथों को दक्षिण श्री जगन्नाथ मंदिर की ओर मोड़ दिया जाता है। इसलिए इस अनुष्ठान का नाम दक्षिण मोड़ा पड़ा।
परंपरा के बारे में जानकारी देते हुए भगवान श्री जगन्नाथ के रथ के प्रमुख बढ़ई नंदीघोष विजय महापात्र ने मीडिया को बताया कि हेरा पंचमी के अगले दिन तीनों रथों को दक्षिण की ओर मुंह करके जगन्नाथ मंदिर की ओर घुमाया जाता है। आज्ञा माला प्राप्त करने के बाद ही अनुष्ठान किया जाता है। रविवार को आज्ञा माला प्राप्त करने के बाद उन्हें प्रत्येक रथ पर बांधा गया। सबसे पहले, देवी सुभद्रा के रथ दर्पदलन को दक्षिण की ओर घुमाया गया, उसके बाद भगवान बलभद्र के तालध्वज और भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ को दक्षिण की ओर घुमाया गया। श्रीमंदिर के अधिकारियों और कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने रथों को गुंडिचा मंदिर से नकाचना द्वार तक खींचा। इस अनुष्ठान के दौरान भक्तों को आम तौर पर रथ खींचने की अनुमति नहीं होती है, क्योंकि रथों को उचित स्थान पर रखने के लिए आगे और पीछे खींचना आवश्यक होता है।