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ओएएस प्रशांत कुमार राउत के यहां छापेमारी में हुई 2 करोड़ नकदी बरामद
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रिश्वत की शिकायतों के बाद एक फिर विजिलेंस की जाल में फंसे
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पांच साल पहले एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में हुए थे गिरफ्तार
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।
एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार होने के लगभग पांच साल बाद, ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) के अधिकारी प्रशांत कुमार राउत एक बार फिर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में विजिलेंस के घेरे में आ गए हैं।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में ओडिशा विजिलेंस के अधिकारियों ने आज शुक्रवार को प्रशांत कुमार राउत के कार्यालय, आवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। वह वर्तमान में नवरंगपुर जिले के अतिरिक्त उपकलेक्टर के रूप में तैनात हैं।
भुवनेश्वर के कानन विहार में छापेमारी के दौरान प्रशांत राउत के पड़ोसी के घर से छह कार्टूनों में छुपाए गए 2 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 500 रुपये के नोट जब्त किए गए हैं। इसकी गिनती जारी थी और गिनती के लिए मशीनें तैनात कर दी गई हैं।
ओडिशा सतर्कता विभाग की दो अतिरिक्त एसपी, 7 डीएसपी, 8 इंस्पेक्टर और अन्य कर्मचारी वाली नौ टीमें भुवनेश्वर, नवरंगपुर और भद्रक में नौ स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर रही थी।
छापेमारी भुवनेश्वर के कानन विहार स्थित उनके दो मंजिला घर; नवरंगपुर में उनका निवास और कार्यालय तथा भद्रक में उनका पैतृक घर पर की जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विजिलेंस टीम उनके रिश्तेदारों और करीबियों के घर पर भी छापेमारी कर रही है।
विजिलेंस ने बताया कि राउत के खिलाफ भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के कई आरोप और शिकायतें रही थीं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद विजिलेंस हरकत में आई और छापेमारी की। उसके पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड बरामद किये गये हैं। हालांकि, छापेमारी टीम ने अब तक कितनी चल-अचल संपत्ति का पता लगाया है, इस पर बयान नहीं आया है।
साल 2018 में, राउत को सतर्कता अधिकारियों ने एक पंचायत कार्यकारी अधिकारी से 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस वह सुंदरगढ़ जिले के एक ब्लॉक के बीडीओ थे। अब उन पर कई अवैध पत्थर खनन माफियाओं के साथ साठगांठ करने और उनसे मोटा कमीशन लेने का आरोप है।