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पुरी में दया नदी के तट पर अवैध निर्माण कार्य का विरोध

  • नदी का मार्ग बदलने की संभावना से लोगों में दहशत

  • विरोध प्रदर्शन के बाद तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

पुरी। पुरी में दया नदी के तट पर एक कथित अवैध निर्माण कार्य का लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि पिपिलि, डेलांग, कणास और सत्यबाड़ी ब्लॉक के लोग दया नदी तट पर एक कथित अवैध निर्माण कार्य का विरोध कर रहे हैं। बताया गया है कि पिपिलि प्रखंड के कांटी ग्राम पंचायत में दया नदी के किनारे एक कंस्ट्रक्शन कंपनी पक्की दीवार बना रही है। नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को डर है कि कंक्रीट की दीवार के कारण नदी का मार्ग बदल सकती है। इससे नदी कई गांवों को अपनी चपेट में ले सकती है।

समाजवादी पार्टी के राज्य महासचिव सुदर्शन प्रधान ने कहा कि कांटी में दया नदी तट पर लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में एक बैरिकेड का निर्माण किया जा रहा है। दया का करीब 50 फीसदी पानी उस पैच से होकर गुजरता है। बैरीकेड के कारण दया का तटबंध टूट जाएगा और इस प्रक्रिया में बाढ़ का पानी सैकड़ों गांवों को अपनी चपेट में ले लेगा।

दया सुरक्षा अभियान समिति के संयोजक सचिकांत प्रधान ने कहा कि दया नदी के किनारे इस अवैध निर्माण कार्य के कारण निश्चित रूप से एक मानव निर्मित प्राकृतिक आपदा होने वाली है। हम निर्माण कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।

स्थानीय लोगों, बुद्धिजीवियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने दया सुरक्षा अभियान समिति के बैनर तले निर्माण कार्य के विरोध में आंदोलन किया। समिति के सदस्यों ने पिपिलि तहसीलदार से मुलाकात कर निर्माण कार्य के विरोध में ज्ञापन सौंपा।

इस बीच, पिपिलि तहसीलदार, पूनम महापात्र ने कहा कि आरोप की जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

महापात्र ने कहा कि निर्माण कार्य के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद मैंने पुलिस और आरआई को घटनास्थल का दौरा करने और तुरंत काम बंद करने का आदेश दिया है।

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