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उन्होंने कहा कि न केवल ओडिशा में बल्कि पूरे भारत में किसान एमएसपी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि हम लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देंगे। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। कुछ बढ़ा है, जो स्वागत योग्य है।
राज्य विधानसभा की सर्वदलीय समिति ने धान की प्रति कुंटल कीमत 2,930 रुपये करने की मांग की थी। इसलिए हम इस पर पुनर्विचार करने और इसे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं। कम से कम 2,930 रुपये की डिलीवरी की जाएगी।इससे पहले भाजपा ने ऐसा करने का वादा किया था। उत्पादन लागत का डेढ़ गुना देना का भरोसा दिया था। हालांकि यदि डेढ़ गुना नहीं दे रही है तो कम से कम लागत से 10 प्रतिशत अधिक तो किसानों को मिलना ही चाहिए, मगर ऐसा नहीं हो रहा है और लोग खेती से मुंह मोड़ रहे हैं।
नरसिंह मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार ने ओडिशा ही नहीं, भारत के सभी किसानों के साथ बेईमानी की है। चुनावी बैतरणी पार करने के लिए विभिन्न अवसरों पर झूठ का सहारा लिया है। ओडिशा सरकार ने विधानसभा में कहा कि 1 क्विंटल धान के उत्पादन पर 2,344 रुपये खर्च किए जा रहे हैं। हालांकि, अगर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाती है, तो यह 3516 रुपये होनी चाहिए थी। भाजपा ने 2014 में कहा था कि वह स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करेगी। केन्द्र सरकार का यह वादा कहां गया? अभी केन्द्र सरकार ने जो एमएसपी बढ़ायी है, वह किसानों को प्रतारित करने का काम किया है।