भुवनेश्वर। एक ही शव के कई दावों के बीच ओडिशा सरकार ने मृतकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण के लिए एम्स नई दिल्ली को 33 नमूने भेजे हैं। जहां कुछ शवों पर दावा करने वाला कोई नहीं है, वहीं कई परिवारों ने एक ही शव का दावा किया है। भुवनेश्वर की मेयर सुलोचना दास ने कहा कि चूंकि शव बहुत बुरी स्थिति में हैं, इसलिए परिवार के सदस्यों को पहचान में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कि सुलोचना ने कहा कि हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि रिश्तेदारों को अपने प्रियजनों के शरीर को परेशानी मुक्त तरीके से मिल सके।
उन्होंने मीडिया को बताया कि 33 शवों और उनके दावेदारों के नमूने डीएनए परीक्षण के लिए एम्स दिल्ली भेजे गए हैं। दास ने कहा कि एक बार रिपोर्ट उपलब्ध हो जाने के बाद शवों को वास्तविक दावेदारों को सौंप दिया जाएगा।
मेयर ने आगे कहा कि अन्य अस्पतालों की मोर्चरी में रखे 39 शवों को कल रात एम्स भुवनेश्वर लाया गया और अब पहचान के लिए छोड़े गए सभी 88 शवों को चार बड़े कंटेनरों में सुरक्षित रखा गया है।
पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसके बेटे का शव दो दिन पहले बिहार के किसी व्यक्ति को सौंपा गया है। कई अन्य लोग अपने प्रियजनों का पता नहीं लगा पा रहे हैं, जो 2 जून को ट्रेनों में यात्रा कर रहे थे।
राज्य सरकार ने एम्स और अन्य अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित किया है, जहां यात्रियों का इलाज चल रहा है। ओडिशा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिकारी पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार द्वारा शवों को उनके गंतव्य तक मुफ्त परिवहन की व्यवस्था की गई थी।