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पत्नी ने पति को मृत घोषित किया, पति ने दर्ज कराई शिकायत
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एक शव के मिल रहे हैं कई दावेदार
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डीएनए जांच का सहारा ले रही है सरकार
भुवनेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले में बाहनगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुए तीन रेल हादसों में मृत लोगों के परिजनों के लिए घोषित मुआवजे को लेने के लिए बेइमानों की होड़ लग गई है। हद तो तब हो गई, जब एक पत्नी ने मुआवजे के लिए अपने पति को मृत घोषित कर दी और इसकी जानकारी मिलने पर पति ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। ठीक इसी तरह एक शव के कई दावेदार भी मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार डीएनए जांच का सहारा ले रही है।
इस रेल हादसे में अब तक 288 यात्रियों की मौत हो चुकी है और 1,100 से ज्यादा घायल हुए हैं। जहां कुछ परिजन अपने घायल और मृत रिश्तेदारों के बारे में जानकारी लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वहीं बेईमान लोगों का एक वर्ग इस त्रासदी के बीच हाय-तौबा मचाने की कोशिश कर रहा है।
हाल ही में, कटक जिले के मनियाबंधा गांव की एक महिला ने दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिवारों को ओडिशा सरकार द्वारा प्रदान की गई 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए कथित रूप से अपने पति को दुर्घटना में मृतकों में से एक घोषित कर दिया।
उनके पति विजय दत्त को जब अपनी पत्नी गीतांजलि दत्त के इस काम के बारे में पता चला, तो उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद गीतांजलि दत्त गिरफ्तारी के डर से फरार बताई जा रही है।
13 सालों से रह रहे हैं अलग
खबरों के मुताबिक, गीतांजलि और उनके पति विजय पिछले 13 सालों से अलग रह रहे हैं। आरोप है कि उनके अलग होने से असंतुष्ट गीतांजलि ने समय-समय पर विजय के खिलाफ उसे परेशान करने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज कराईं। इस बीच विजय को हाल ही में पता चला कि गीतांजलि ने अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए बालेश्वर गई थी। उसने कहा कि उसके पति विजय की दुर्घटना में मृत्यु हो गई है और उसने उचित मुआवजे का दावा किया। हालांकि, अधिकारी आश्वस्त नहीं थे, क्योंकि वह अपने दावे के समर्थन में कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर पाई थी।
झूठे दावे दायर करने के कई मामले
गीतांजलि इस मामले में अकेली ऐसी जालसाज नहीं हैं। पिछले कुछ दिनों में कई लोगों द्वारा मुआवजे के लिए झूठे दावे दायर करने की खबरें सामने आई हैं। इसलिए यह मामला गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने रेलवे अधिकारियों से मुआवजे के लिए झूठे दावे दर्ज करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए प्रशासन डीएनए टेस्ट का सहारा ले रहा है।