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नव दास हत्याकांड जांच में एफबीआई की मदद मांगने पर भ्रम

  • केंद्रीय गृह मंत्रालालय ने कहा-राज्य सरकार ने नहीं मांगी थी मदद

  • अपराध शाखा ने कहा- राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखा था पत्र

भुवनेश्वर। ओडिशा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास हत्याकांड मामले की जांच के लिए अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) की मदद लेने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय और ओडिशा की क्राइम ब्रांच (सीबी) आमने-सामने आ गए हैं। अपराध शाखा ने कल शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति कहा है कि राज्य सरकार ने एफबीआई की सहायता के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा था। अपराध शाखा के इस बयान के बाद

नव किशोर दास हत्याकांड में एफबीआई की सहायता के अनुरोध को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है।

प्रेस विज्ञप्ति में अपराध शाखा ने कहा है कि दास की हत्या के मामले की जांच के दौरान आरोपी गोपाल कृष्ण दास और उसके परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि वह मानसिक बीमारी के लिए दवा ले रहा था। ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए कदम उठाए गए। चिकित्सा विशेषज्ञों ने उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ पाया, लेकिन आगे की परीक्षण कराने का सुझाव दिया।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि चूंकि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण, संवेदनशील और दुर्लभ मामला था, इसलिए जांच में मदद करने के लिए सर्वोत्तम तकनीकों और विशेषज्ञों का उपयोग करने का निर्णय लिया गया। इस प्रक्रिया में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, भारत सरकार, नई दिल्ली, गुजरात की राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला और एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक से मदद ली गई। निम्हान्स, भारत सरकार, बेंगलुरू से भी ओडिशा में विशेषज्ञों की एक टीम भेजने के लिए संपर्क किया गया था, जिस पर उन्होंने अपनी असमर्थता व्यक्त की थी।

अपराध शाखा के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से स्थापित करने के लिए कि आरोपी का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है, अपराध शाखा ने एफबीआई की व्यवहार विश्लेषण इकाई से संपर्क करने का फैसला किया, जिसके पास इस तरह की आपराधिक जांच के लिए सबसे अच्छे विशेषज्ञ और उपकरण हैं।

हालांकि, नियमों के अनुसार कोई राज्य सरकार ऐसी मदद के लिए सीधे किसी विदेशी एजेंसी से संपर्क नहीं कर सकती है। केवल गृह मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से किसी विदेशी एजेंसी/प्राधिकरण से ऐसी सहायता मांगी जा सकती है। इससे पहले भी देश की विभिन्न पुलिस एजेंसियों द्वारा 26/11 मुंबई विस्फोट मामले और सीबीआई के भंवरी देवी हत्याकांड जैसे मामलों में एफबीआई से मदद मांगी और प्राप्त की गई है।

तदनुसार, सीआईडी-सीबी के अनुरोध पर, ओडिशा सरकार के गृह विभाग ने नव किशोर दास की हत्या की जांच में मदद के लिए एफबीआई यूएसए से अनुरोध करने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार से संपर्क किया।

इस संबंध में, गृह विभाग, ओडिशा सरकार ने अपने पत्र के माध्यम से गृह मंत्रालय, भारत सरकार से पारस्परिक सहायता संधि (एमएलएटी) के अनुसार एफबीआई की मदद लेने का अनुरोध किया।

इससे पहले भुवनेश्वर के लक्ष्मीनारायण कानूनगो के एक ऑनलाइन आरटीआई आवेदन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के बाद भ्रम की स्थिति थी।

कानूनगो ने नव किशोर दास हत्याकांड की जांच में एफबीआई की मदद के लिए सीएम के अनुरोध के संबंध में आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी। गृह मंत्रालय ने अपने पत्र (दिनांक 26 मई) में कहा कि ओडिशा सरकार से अनुरोध पत्र या रस्परिक कानूनी सहायता जारी करने का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

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