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अधिवक्ता शादीराम शर्मा ने सदस्यता रद्द करने पर उठाई अंगुली
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कहा- सीएमएस के बाईलो में सदस्यता रद्द करना का कोई प्रावधान नहीं
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सुरेश शर्मा ने कहा- समाज हित के लिए बनाई गई थी संस्था
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कहा-समाज हित में बोलने वालों को कराया जा रहा है जबरन चुप
कटक। कटक मारवाड़ी समाज द्वारा वरिष्ठ सदस्य शशिकांत शर्मा के सामाजिक बहिष्कार किए जाने के आह्वान का आज खुलकर विरोध शुरू हो गया है। कटक मारवाड़ी समाज के कुछ सदस्यों ने आज आरोप लगाया है कि संस्था में समाज हित में बोलने वाले लोगों को जबरन चुप कराया जा रहा है।
कटक मारवाड़ी समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ चुके सुरेश शर्मा ने कहा कि शशिकांत शर्मा को कटक मारवाड़ी समाज द्वारा उसकी सदस्यता रद्द करना उचित नहीं है। कटक मारवाड़ी समाज एक समाजिक संस्था है। इस तरह करना ठीक नहीं है। जब संस्था बनी थी, तो समाज हित के लिए बनाई गई थी। सभी को एकजुट करने के लिए बनी थी, पर आज उस नियम से सभी भटक गए हैं। जो लोग इनसे समाज हित के लिए बात करते हैं, उसे दबाव डाल चुप करा देते हैं और जो चुप नहीं होता उस पर प्रतिबंध लगाने का काम करते हैं। सुरेश शर्मा ने कहा कि मौजूदा अध्यक्ष एक अच्छे इन्सान हैं, पर एक दो जन की बात चलती है। कोई भी संस्था सबको जोड़ने काम करती है, यहां अब तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि शशिकांत शर्मा संस्था के चुनाव अधिकारीगण में से एक सदस्य थे। उनके साथ इस तरह सदस्यता पूर्ण रूप से रद्द करना न्याय संगत नहीं। अगर उनके साथ ऐसा किया जा रहा है, तो फिर अन्य साधारण सदस्यों की क्या औकात होगी।
इधर, कटक मारवाड़ी समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं अधिवक्ता शादी राम शर्मा ने मीडिया को कटक मारवाड़ी समाज का बाईलो दिखाते हुए कहा कि बाईलो में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत जब चाहे किसी की सदस्यता पूर्ण रूप से रद्द कर दी जाए। शशिकांत शर्मा की सदस्यता रद्द करने और सामाजिक बहिष्कार के आह्वान की बात पर उन्होंने बताया कि इस तरह का निर्णय लेना सरासर गलत है। यह घटना बहुत ही शर्मनाक है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।
इधर, कटक मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष किशन मोदी ने कहा कि यह जो निर्णय लिया गया है, वह स्वागत योग्य है। कटक मारवाड़ी समाज की एक अनुशासन समिति बनाई गई थी और अनुशासन समिति द्वारा शशिकांत शर्मा को अपना पक्ष रखने की समय सीमा दी गई थी, पर उन्होंने कटक मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष पर ही कीचड़ उछालना शुरू कर दिया था। यहां तक एक अध्यक्ष को गुलाम नवाब, रबर स्टांप तक कहा गया, जो एक अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया गया। मोदी ने बाईलो में यह भी लिखा गया है कि आम सभा में 250 सदस्य अगर एक साथ उपस्थित रहते हैं और जो निर्णय लिया जाता है, उस पर सभी का हां होता है, तो वह निर्णय को लागू कर दिया जाता है। किशन मोदी ने यह भी कहा कि शशिकांत शर्मा चुनाव अधिकारी भी रह चुके हैं और एक बुद्धिजीवी व्यक्ति होने के नाते इस तरह का संगठन के विरुद्ध बात करना न्याय संगत नहीं है। यही कारण है कि शशिकांत शर्मा को कटक मारवाड़ी समाज से सदस्यता पूर्ण रूप से रद्द कर दी गई है।