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पेंशन नगद देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग

  • केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखा पत्र

  • बैंक मित्र, भारतीय डाक सेवा के व्यापक नेटवर्क व जनसेंवा केन्द्रों उपयोग करने के लिए दिया परामर्श

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों को दिये जाने वाले सामाजिक सुरक्षा भत्ता को डीबीटी के जरिये नगद राशि के रुप में प्रदान करने का चिंताजनक है। यह निर्णय भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की दिशा में पीछे हटने वाला कदम है। इसलिए पारदर्शिता तथा भ्रष्टाचार मुक्त करने के प्रतिबद्धता को ध्यान में रखकर राज्य सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नवीन पटनाय़क को पत्र लिखकर उपरोक्त अनुरोध किया है।

प्रधान ने अपने पत्र में कहा है कि लाभार्थियों को नगद धनराशि प्रदान करने के दौरान मध्यस्थों का भ्रष्टाचार व अनियमितता तथा इससे हिताधिकारियों के शोषण किये जाने के अनेक उदाहरण पहले से हैं। ओडिशा सरकार द्वारा लाभार्थियों को पेंशन की नगद धनराशि प्रदान करने संबधंघी निर्णय एक बार फिर से भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करेगा। यह राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के लिए बोझ खड़ाकर सकता है। इसलिए डीबीटी के जरिये वरिष्ठ नागरिकों, विधवा व दिव्यांगों को दी जाने वाली भत्ता राशि प्रदान की जाए।

उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार अनेक योजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर रही है। इन योजनाओं में बिना किसी मध्यस्थ के योजना का लाभ सीधे हिताधिकारियों के बैंक खातों में पहुंच रही है।

प्रधान ने अपने पत्र में कहा है कि ओडिशा ने भी केन्द्रीय व राज्य योजना में डीबीटी की व्यवस्था को लागू की है। ओडिशा ने 2022-23 वित्तीय वर्ष में केन्द्र व राज्य योजना में 8,135.18 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों को उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है। डीबीटी लागू करने के कारण अनेक फर्जी हिताधिकारियों की पहचान हो सकी है तथा उन्हें बाहर किया गया है। इससे राज्य सरकार को 459 करोड़ से अधिक राशि की बचत हो सकी है, लेकिन अब फिर से राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को भत्ता नगद राशि के रुप में प्रदान करने की व्यवस्था लागू करना चिंता उत्पन्न कर रहा है।

प्रधान ने मुख्यमंत्री को अपने पत्र में सलाह दी है कि वे बैंक मित्रों, डाक विभाग के नेटवर्क का सही इस्तेमाल कर लोगों तक डीबीटी के जरिये यह सेवा पहुंचायें। उन्होंने कहा कि जनवरी 2023 तक राज्य में विभिन्न बैंकों में 82 हजार 261 बैंक मित्र कार्यकर रहे हैं। इसके साथ-साथ राज्य में 8 हजार 491 डाक घर हैं। दूरदराज के इलाकों व ग्रामीण इलाकों में आर्थिक सेवा उपलब्ध करानेके लिए डाक विभाग के पास प्रशिक्षित कर्मचारी हैं। इन लोगों का उपय़ोग करने के साथ-साथ जनसेवा केन्द्रों का भी उपयोग इस कार्य के लिए किया जाना चाहिए।

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