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पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों और आईएसआई एजेंटों के साथ संलिप्तता के आरोप
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गिरफ्तारों में एक शिक्षक भी शामिल
भुवनेश्वर। ओडिशा एसटीएफ ने पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों और आईएसआई एजेंटों के साथ कथित संलिप्तता के आरोप में एक आईटीआई शिक्षक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपी व्यक्तियों की पहचान नयागढ़ जिले के इटामती थाने के अंतर्गत बड़ापांडुसर निवासी पठानिसामंत लेंका (35); नयागढ़ जिले के दासपल्ला क्षेत्र के एक आईटीआई शिक्षक सरोज कुमार नायक (26); जाजपुर जिले के सुजानपुर इलाके से सौम्य पटनायक (19) के रूप में बताई गई है। बताया गया है कि इन देश विरोधी तत्वों को ओटीपी साझा करने के आरोप में एसटीएफ की छापेमारी के बाद तीनों को गिरफ्तार किया गया है।
19 मोबाइल फोन, 47 सिम कार्ड, 61 एटीएम कार्ड बरामद
छापे के दौरान पुलिस अधिकारियों ने उनके कब्जे से मोबाइल फोन, पूर्व-सक्रिय सिम कार्ड और लैपटॉप जैसी विभिन्न आपत्तिजनक सामग्रियां जब्त की। जब्त सामग्री में एक एप्पल मोबाइल सहित 19 मोबाइल फोन, 47 सिम कार्ड, 61 एटीएम कार्ड और 23 सिम कवर शामिल हैं।
जांच में संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे
बताया गया है कि जांच के दौरान की गई पूछताछ में आरोपी व्यक्ति विदेशी नागरिकों को ओटीपी और अन्य जानकारी साझा करने के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जवाब देने में विफल रहे तो एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और 13 मई को भुवनेश्वर में एसडीजेएम कोर्ट भेज दिया। इस संबंध में एसटीएफ ने तीनों पर आईपीसी की धारा 419/420/465/467/468/471/120(बी)/34 आईपीसी आर/डब्ल्यू तथा आईटी अधिनियम, 2000 के 66 सी और 66 डी के तहत मामला दर्ज किया।
दूसरे के नाम पर खरीदते थे बड़ी संख्या
बताया गया है कि आरोपी व्यक्ति धोखाधड़ी से दूसरे के नाम पर बड़ी संख्या में सिम खरीद रहे थे और पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में कुछ पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव (पीआईओ)/आईएसआई एजेंटों सहित विभिन्न ग्राहकों को ओटीपी (सिम का उपयोग करके लिंक/जनरेट) बेच रहे थे। इसके बदले में उन्हें भारत में स्थित कुछ पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा भुगतान किया जाता था।
एक महिला पीआईओ एजेंट के संपर्क में भी थे
एसटीएफ की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वे एक महिला पीआईओ एजेंट के संपर्क में भी थे, जिसे पिछले साल राजस्थान में एक आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम/हनी-ट्रैप मामले में गिरफ्तार किया गया था।
ओटीपी का ऐसे करते थे उपयोग
जांच अधिकारियों के अनुसार, सिम का उपयोग करके उत्पन्न ओटीपी का उपयोग व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन शॉपिंग साइटों पर विभिन्न खातों और चैनलों को बनाने के लिए किया गया था। ईमेल खाते खोलने में भी ओटीपी का इस्तेमाल किया जाता था, जो वास्तव में पाकिस्तान से संचालित होते थे।
भारत विरोधी गतिविधियों में करते थे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल
बताया गया इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की भारत विरोधी गतिविधियों में किया जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल जासूसी, आतंकवादियों के साथ संचार, कट्टरपंथ, भारत विरोधी प्रचार करना, भारत विरोधी या विभाजनकारी भावनाओं को हवा देना, सेक्सटॉर्शन, हनी-ट्रैपिंग आदि कार्यों के लिए करते थे। चूंकि भारतीय पंजीकृत मोबाइल नंबरों से इसे साझा किया जाता था, लोग इसे भरोसेमंद मानते थे।
इसके साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर खोले गए खातों का उपयोग आतंकवादियों, भारत विरोधी तत्वों आदि को वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा, आरोपी व्यक्ति सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से खच्चर खाते बनाने और बेचने के धंधे में भी करते थे।