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घर से बाहर निकालकर मारी गोली
भुवनेश्वर। कंधमाल जिले के माओवाद प्रभावित फिरिंगिया प्रखंड के सुमेरबंध पंचायत के पूर्व सरपंच सुबल कहंर की माओवादियों ने हत्या कर की है। इस पंचायत के गठन के बाद कहंर ने इसके प्रथम सरपंच के रुप में दायित्व संभाला था। बताया जा रहा है कि वह अनेक दिनों से वह माओवादियों के निशाने पर थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार रात को सुबल अपने साउलीपड़ा स्थित पैतृक घर में परिवार के साथ थे। तभी 10 से 15 सशस्त्र माओवादी घर से बुलाकर बाहर ले गए और उनके घर के सामने ही गोली मार कर हत्या कर दी। जहां यह घटना घटी, वहां से सुरक्षाबलों का कैंप लगभग एक किमी की दूरी पर था। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत व्याप्त है।
पुलिस मुखबिर होने का संदेह
बताया जाता है कि माओवादियों को पूर्व सरपंच के पुलिस का मुखबिर होने का संदेह था।
माओवादियों के कंधमाल-कलाहांडी-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन के एक कैडर ने सरपंच को उनके घर से बुलाया और गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान लगभग 10 सशस्त्र आतंकवादी अपराध में शामिल थे। ठेकेदार रहे पूर्व सरपंच को पहले भी कई बार नक्सलियों ने निशाना बनाया था। कंधमाल के एसपी शुभेंदु कुमार पात्र स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
जवाबी मूड में थे माओवादी
गौरतलब है कि सीआरपीएफ के जवानों ने नौ मई को कलाहांडी जिले में तीन माओवादियों को मार गिराया था और माओवादी जवाबी मूड में बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व सरपंच की हत्या तीन कैडर की मौत का बदला लेने के लिए की गई होगी।
पांच राउंड फायरिंग की
एक चैनल से खास बातचीत में उसके भाई सुदाम कहंर ने कहा कि तीन माओवादी हमारे घर आए और मेरे भाई को उठा ले गए। वे उसे करीब 200 मीटर दूर ले गए और उस पर पांच राउंड फायरिंग की। उन्हें उस पर पुलिस का मुखबिर होने का शक था और उन्होंने पहले पुलिस की ओर से काम करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। वे साल 2018-2019 से उसके पीछे थे। तबसे हम बल्लीगुड़ा में रह रहे हैं। लेकिन, मेरा भाई दो महीने पहले ही गांव वापस आ गया था।
गांव जाने से डरी पुलिस
भाई सुदाम कहंर ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस गोलियों से छलनी शव को बरामद करने के लिए गांव जाने से डर रही है। उन्होंने साथी ग्रामीणों को शव को पड़ोसी गांव में लाने का निर्देश दिया, जहां से उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा। इसलिए कुछ ग्रामीण शव ले गए।