भुवनेश्वर। ओडिशा में सोमवार से शुरू हुए बहुप्रतीक्षित ओबीसी सर्वेक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बीजद सरकार पर हमला बोला है और इसे तमाशा करार दिया है। भुवनेश्वर में पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा ओबीसी मोर्चा, ओडिशा के अध्यक्ष, सुरथ बिस्वाल ने बीजद के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को उन लोगों को लाभ प्रदान करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जिन्हें अभी तक सूची में शामिल नहीं किया गया है।
बिस्वाल ने कहा कि जब यह चर्चा में उठा कि 24 साल की राज्य सरकार ने 54 प्रतिशत लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करने से रोका है, तो सरकार ने घोषणा की है कि ओबीसी सर्वेक्षण एक मई से शुरू होगा, लेकिन यह और कुछ नहीं, बल्कि एक तमाशा है।
अधूरी एसईबीसी सूची के आधार पर हो रहा सर्वे
बिस्वाल ने कहा कि मैं इसे एक तमाशा क्यों कह रहा हूं, क्योंकि सर्वेक्षण ओडिशा सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के आधार पर किया जाएगा, लेकिन वर्तमान एसईबीसी सूची ही अंतिम नहीं है। यह अधूरी है। वर्तमान में कई जातियों के नाम केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में शामिल हैं, लेकिन राज्य एसईबीसी सूची में नहीं।
15 से 20 जातियां सर्वे में कैसे होंगी शामिल
बिस्वाल ने कहा कि एक जाति यदि केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल है, तो उसे स्वचालित रूप से राज्य की ओबीसी सूची में शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यदि जातियों के नाम एसईबीसी सूची में नहीं हैं, तो यह किसका सर्वेक्षण है? इन 15 से 20 जातियों को सर्वे में कैसे शामिल किया जाएगा? इससे जाहिर है कि राज्य सरकार को इन जातियों के संरक्षण में कोई दिलचस्पी नहीं है और इन लोगों का ध्यान भटकाने के लिए तमाशा शुरू कर दिया है।
जाति सूची को अंतिम रूप देने की मांग
बिस्वाल ने कहा कि राज्य सरकार से हम जाति सूची को अंतिम रूप देने की मांग करते हैं और ओबीसी सूची में शामिल एक भी जाति को बाहर नहीं किया जाना चाहिए और घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना चाहिए।