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जस्टिस रघुवीर दास आयोग की रिपोर्ट को क्यों नहीं सार्वजनिक कर रही है सरकार
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रत्नभंडार की डुप्लिकेट चाभी असली या नकली, स्पष्ट करे सरकार
भुवनेश्वर। पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्नभंडार को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पीतांबर आचार्य ने रत्नभंडार को अबिलंब खोले जाने की मांग की।
पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आचार्य ने कहा कि 2018 में पुरी के तत्कालीन जिलाधिकारी अरविंद अग्रवाल ने कहा था कि रत्नभंडार की चाभी नहीं मिल रही है। उनके इस बयान के बाद पूरे प्रदेश में व्यापक आक्रोश दिखा। भाजपा ने लगातार इसको लेकर आंदोलन किया। भाजपा ने पुरी के सिंहद्वार थाने में मामला दर्ज किया। स्थिति गंभीर होता देख राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया। भाजपा ने उस समय भी जांच आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था और पार्टी को लग रहा था कि इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन राज्य सरकार इसे सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लगातार आंदोलन के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने फिर से बयान दिया और कहा कि रिकार्ड रुम से डुप्लिकेट चाभी मिल गई है। यह एक प्रकार का नाटक था।
आचार्य ने कहा कि श्रीमंदिर प्रशासन कानून 1954 में पारित किया गया था। बाद में 1960 के कानून में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि रत्नभंडार की चाभी व रिकार्ड कैसे सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राजाओं ने श्रीमंदिर को सोना व अन्य मूल्यवान चीजें दान की है। राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं या नहीं। भगवान जगन्नाथ के भक्तों को यह जानने का अधिकार है।