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18फुटबॉल.कॉम ने की लगभग 1000 करोड़ की ठगी

  • आर्थिक अपराध शाखा, भुवनेश्वर की जांच में मिली सफलता

  • ऑनलाइन पोंजी मामले में केरल से एक गिरफ्तार

भुवनेश्वर। 18फुटबॉल.कॉम ने देश में लगभग 1000 करोड़ रुपये की ठगी की है। इस बात का खुलासा आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), भुवनेश्वर ने किया है। इस कंपनी की ऑनलाइन पोंजी के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), भुवनेश्वर ने एक और सफलता हासिल करते हुए केरल की एक शेल कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है।

ईओडब्ल्यू ने इस मामले में बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा धारक दिलीप कुमार पी (35) को गिरफ्तार किया है। वह केरल स्थित शेल कंपनी प्रिवेस्ट ग्लोबल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। ईओडब्ल्यू के मुताबिक, ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के तहत अवैध धन को चैनलाइज करने के लिए निजी कंपनी का इस्तेमाल किया गया था।

ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब तक हमने पाया है कि इस कंपनी का उपयोग करके लगभग 19.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। दिलीप कुमार ओमान फाउंडेशन पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट (कोयम्बटूर) के संस्थापक सह प्रबंध ट्रस्टी भी है, जिसका उपयोग इस घोटाले की अपराध आय को चैनलाइज करने के लिए भी किया गया था।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मैसर्स प्रिवेस्ट ग्लोबल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ओमान फाउंडेशन पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में लगभग 4000 से 5000 के बीच अवैध लेनदेन किया जा रहा था।

गंजाम जिले के लगभग 800 ठगे गए

बताया जाता है कि गंजाम जिले के लगभग 800 ठगे गए निवेशकों ने इस धोखाधड़ी के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। ओडिशा ही नहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों में निवेशक घोटाले के शिकार हुए।

18फुटबॉल.कॉम हांगकांग में पंजीकृत

ईओडब्ल्यू के अनुसार, 18फुटबॉल.कॉम फ्रॉड का एक हाइब्रिड मॉडल है, जहां पोंजी स्कीम (मल्टीलेवल मार्केटिंग) फुटबॉल सट्टेबाजी/गेमिंग ऐप का नाम देकर ऑनलाइन चलती है।

ईओडब्ल्यू के के अधिकारियों ने दावा किया कि यह एक बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय घोटाला है, जो एक वेबसाइट से ऑनलाइन चल रहा था, जो हांगकांग (चीन) में पंजीकृत है और दुबई से भी संचालित होती है।

निवेश पर 3% दैनिक चक्रवृद्धि रिटर्न का वादा

ईओडब्ल्यू के अनुसार, निवेशकों को निवेश पर 3% दैनिक चक्रवृद्धि रिटर्न, रिचार्ज बोनस, रेफरल बोनस, डाउन-लाइन सदस्यों की कमाई पर अतिरिक्त बोनस, वेतन बोनस, दैनिक निकासी विकल्प जैसे आकर्षक लाभ देने का वादा किया गया था। निवेशकों को इस वेबसाइट के साथ या तो आवेदन या ऑफ़लाइन रेफरल लिंक के माध्यम से एक खाता बनाने की आवश्यकता होती है और उन्हें वेबसाइट/एपीपी में निर्धारित कुछ फुटबॉल मैचों में पैसे लगाने के लिए कहा जा रहा था। निवेशकों को सट्टेबाजी में सहायता करने के लिए तथाकथित विदेशी संरक्षक भी प्रदान किया गया था। ये मेंटर टेलीग्राम या ऐप के जरिए ही संवाद करते थे।

ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को लुभाया

ईओडब्ल्यू के अनुसार, जालसाज ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को लुभाने और गुमराह करने के लिए कुछ सामाजिक कार्यों, दान आदि जैसी प्रचार गतिविधियों को भी अपना रहे थे और इसका व्यापक प्रचार कर रहे थे, ताकि लोग इस योजना को एक प्रामाणिक संगठन मान सकें। जालसाजों ने शुरू में निवेशकों को कुछ दिनों के लिए वादा किए गए रिटर्न का भुगतान किया, फिर भी बाद के चरण में जब सदस्यता बढ़ गई, तो कोई भी भुगतान करना बंद कर दिया और कंपनी के ऐप को बंद कर दिया।

जालसाजों को दुबई से मिल रहे थे निर्देश

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश जालसाजों को दुबई के एक मोहम्मद शेख सैफ से निर्देश मिल रहे थे। ईओडब्ल्यू के अनुरोध के आधार पर ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने इस घोटाले के दुबई स्थित संचालक/प्रवर्तक मोहम्मद सैफ के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर  जारी किया है।

कोलकाता और राजस्थान से भी जुड़े तार

इस मामले में अब तक कोलकाता स्थित शेल कंपनी हाकिम एंड रुस्तम फैब्रिक्स प्रा. लिमिटेड को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था और एक शेल कंपनी एडुडैडी इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज प्राइवेट लिमिटेड के एक निदेशक को उदयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। बताया गया है कि इसमें शामिल धोखाधड़ी की राशि 1000 करोड़ रुपये से अधिक होने का संदेह है, जिसमें से ईओडब्ल्यू अब तक लगभग 525 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाने में सक्षम रही है।

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