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कहा-शिक्षा विभाग ने पहले ही इस संबंध में शुरू की थी जांच
भुवनेश्वर। ओडिशा में फर्जी सर्टिफिकेट घोटाले की जांच के लिए विशेष टीम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि शिक्षा विभाग पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा है। यह बातें राज्य सरकार के स्कूल और जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दाश ने कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट से वाकिफ है। उन्होंने कहा कि नकली प्रमाणपत्र कोई नई बात नहीं है। बलांगीर डाक घटना के बाद इसमें तेजी आई है। हमारे पास फर्जी प्रमाणपत्रों के बारे में कुछ जानकारी थी। हम इस संबंध में गहन तरीके से अपनी जांच जारी रखे हुए हैं। फर्जी सर्टिफिकेट मामले में हम पहले ही 150 से ज्यादा लोगों को बर्खास्त कर चुके हैं। मयूरभंज में शिकायतें दर्ज की गई हैं और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। दाश ने कहा कि
यह एक सतत प्रक्रिया है। हमने बीईओ और डीईओ से कहा है कि जिन लोगों ने अपने क्षेत्र में फर्जी प्रमाण पत्र जमाकर नौकरी पाई है, उनके बारे में रिपोर्ट दें। हमने उनसे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा है। हमने घोटाले की उचित जांच के लिए राज्य के अंदर और बाहर के विभिन्न विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। वे भी हमारे साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और इसमें कुछ समय लगेगा। मंत्री दाश ने कहा कि चूंकि राज्य में शिक्षा विभाग ने पहले इस संबंध में जांच शुरू की थी, इसलिए विशेष टीम बनाने की आवश्यकता नहीं है।
क्राइम ब्रांच ने भी बलांगीर में फर्जी सर्टिफिकेट मामले की जांच शुरू की है। उन्होंने घोटाले से जुड़े कुछ लोगों की पहचान भी की है। वे जांच की आवश्यकता के अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।
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