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कहा- राज्य सरकार की बिल्कुल चिंता नहीं है कोटिया
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बीजद के नेता बोल रहे हैं आंध्र प्रदेश की भाषा
भुवनेश्वर। कोटिया को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर आज जमकर हमला बोलते हुए कहा कि कोटिया ग्राम पंचायत पर आंध्र प्रदेश कब्जे में लेने के लिए कार्य कर रहा है, लेकिन इस पंचायत की सुरक्षा को लेकर राज्य की बीजद सरकार की कोई चिंता नहीं है। बीजद सरकार केवल कोटिय़ा मुद्दे पर मगरमच्छ आंसू बहा रही है।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के उत्कल दिवस के अवसर पर कोटिया जाकर ओडिशा के हित में दिये गये बयान का समर्थन करने के बजाय बीजू जनता दल के नेता उन पर हमला कर रहे हैं। बीजद के नेता आंध्र प्रदेश सरकार की भाषा बोल रहे हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बीजद के ओडिशा विरोधी मानसिकता स्पष्ट हो रही है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ कोटिया जाकर जमीनी वस्तुस्थिति का जायजा लेने के पश्चात भाजपा विधायकों ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं।
इस अवसर पर ब्रम्हगिरि से भाजपा विधायक ललितेंदु विद्याधर महापात्र, लोइसिंहा से विधायक मुकेश महालिंग, बडसाही से विधायक सनातन बिजुली व धाम नगर से विधायक सूरज सूर्यवंशी ने पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
इन विधायकों ने कहा कि बीजद सरकार कोटिया के लिए काफी कुछ करने का दावा यहां भुवनेश्वर में बैठ कर रही है, लेकिन जमीनी वस्तुस्थिति इससे संपूर्ण भिन्न है। कोरापुट के कोटिया ग्राम पंचायत का इलाका अत्यंत संवेदनशील है। कोटिया के लिए सड़क तो है, लेकिन उसके गांव के आसपास के इलाकों में स्थिति काफी खराब है। सरकार की कोई योजना वहां नहीं पहुंची है। लोक कल्याणकारी योजना का वहां नामोनिशान नहीं है। भुवनेश्वर में बैठकर बीजू जनता दल के नेता व सरकारी बाबू दावा कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक चल रहा है और बता रहे हैं कि इस इलाके में निर्माण कार्य में डेढ़ सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह हास्यास्पद है।
उन्होंने कहा कि वहां पर बात करने पर पता चला कि बुजुर्गों को समय पर भत्ता नहीं मिलता है। भत्ता लाने के लिए बिना साधन के 25 से 30 किलोमीटर जाना पड़ रहा है। इसके साथ-साथ वहां भत्ता देने के लिए उन्हें कमीशन भी देना पड़ता है।
विधायक सूरज सूर्यवंशी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कोटिया पहुंच कर इस मामले में आंध्र प्रदेश के घुसपैठ के खिलाफ राज्य के सभी लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया था। बीजू जनता दल द्वारा इसका स्वागत किया जाना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि उसे बीजू जनता दल स्वागत करने के बजाय उसका विरोध कर रही है। यह राजनीतिक असहिष्णुता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 2018 में भी कोटिया का दौरा किया था। वहां उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनी थी तथा तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर व व्यक्तिगत भेंट कर इस समस्या के समाधान के लिए चर्चा की थी। इसी तरह 2020 व 2021 में प्रधान ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि इस इलाकों में ओडिशा के बिजली खंभे व बिजली के ट्रांस्फार्मर लोगों को दिखाने के लिए है। वास्तव में कोटिया की जनता आंध्र प्रदेश द्वारा दिए जा रहे बिजली पर निर्भर है। ओडिशा के सीमा के अंदर आंध्र प्रदेश का चर्च, स्कूल, आवास योजना, पेयजल टंकी बिजली सेवा का इनफ्रास्ट्रक्चर तैय़ार कर लिया गया है। सवाल यह है कि यह सब तैयार करते समय राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन ने विरोध क्यों नहीं किया था। इस कारण राज्य सरकार व जिला प्रशासन की भूमिका इस मामले में संदेह के घेरे में हैं। उन्होंने पूछा कि स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई। कोरापुट के जिलाधिकारी व आरडीसी किसके कहने पर चुप बैठे हुए हैं इसका उत्तर दिया जाना चाहिए।