भुवनेश्वर। 1000 वर्षों से विदेशी हमलों के कारण देश में सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक व्यवस्था पर चोट लगने के बाद भी साधु-संतों और महापुरुषों ने देश के स्व को बचाकर रखा था। स्व का अर्थ है स्वधर्म, स्वदेशी व स्वराज। हमारा देश वर्तमान में वसुधैव कुटुंबकम नीति के आधार पर हम हमारा देश विश्व शांति, विश्व बंधुत्व, मानव कल्याण की स्थापना की दिशा में अग्रसर हो रहा है। देश के अमृतकाल में स्व की पुनः प्रतिष्ठा के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी मनीषियों का स्मरण करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आह्वान किया है। ओडिशा पूर्व प्रांत के संघचालक समीर मोहंती ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के पानीपत के समालखा में संघ की हाल ही में संपन्न हुए तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में उपरोक्त आह्वान किया गया है।
उन्होंने कहा कि सनातन मूल्यों की स्थापना, स्वदेशी अर्थव्यवस्था का प्रचलन तथा औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त एक समाज का गठन करने की दिशा में हमें अग्रसर होना पड़ेगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया पंच प्रण का आह्वान इस दिशा में काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ भूमि, जल, वायु, अग्नि व आकाश का प्रदूषण मुक्त होना आवश्यक है। इन विचारों का विरोध करने के लिए कुछ अंदरूनी व बाह्य शक्तियां देश में अविश्वास व अराजकता की स्थिति उत्पन्न करने के प्रय़ास में लगी हैं। देशवासियों के इनसे सजग रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में आयोजित इस तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में पूरे देश से 1474 व ओडिशा से 40 प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार, पूरे देश में वर्तमान में कुल 68651 दैनिक शाखाएं व 27,877 साप्ताहिक शाखाएं चल रही हैं। इसी तरह ओडिशा में 1855 दैनिक शाखाएं व 469 साप्ताहिक शाखाएं चल रही है। देश के 99 प्रतिशत जिलों में व 88 प्रतिशत प्रखंडों में संघ का काम है। ज्वाइन आरएसएस वेबसाइट के जरिये पूरे देश से कुल 7,25,000 व्यक्तियों ने संघ के साथ जुड़ने में रुचि दिखाई है। इसमें से 15 हजार 200 ओडिशा के हैं।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार, आगामी दिनों में संघ पांच विषयों पर अधिक ध्यान देकर कार्य करेगा। ये विषय हैं- सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण व नागरिक कर्तब्य। आगामी 2025 विजय दशमी से संघ का शताब्दी वर्ष प्रारंभ होने जा रहा है। इसे ध्यान में रखकर संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ाना, गांव व शहरों में समस्या के बारे में अध्ययन करने का निर्णय किया गया है। स्वयंसेवक समाज के साथ जुड़कर इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करेंगे।
इस पत्रकार सम्मेलन में संघ के सह प्रांत प्रचार प्रमुख सुमंत पंडा भी उपस्थित थे।