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सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने
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राज्य में चल रही है ब्यूरोक्रेसी की सरकार, जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं – विरोधी
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सदन में क्षमा मांगे मंत्री, खेद प्रकट करें मुख्य सचिव
भुवनेश्वर। राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप जेना से कपड़ा मंत्री रीता साहू के मिलने को लेकर आज विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ है। सत्तापक्ष और विपक्ष में मजकर तीखी बहस हुई। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने इस घटना को शर्मनाक बताया और कहा कि अब यह प्रमाणित हो गया कि राज्य में जनप्रतिनिधियों का नहीं, बल्कि नौकरशाही सरकार चला रही है। उन्होंने इस मामले में राज्य सरकार पर जोरदार निशाना साधा। उनके बयान के बाद संसदीय मामलों के मंत्री निरंजन पुजारी ने भी उत्तर दिया। उनके उत्तर देते समय सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आते नजर आया। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को सदन कार्यवाही को बार-बार स्थगित रखना पड़ा। इस कारण आज कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी।
अखबारों में छपी फोटो का दिया हवाला
शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा कि मंत्री का मतलब सरकार होता है। सरकार के पास कर्मचारी आएंगे या कर्मचारी के पास सरकार जाएगी। उन्होंने कहा कि आज अखबारों में एक खबर छपी है, जिसमें यह उल्लेख है कि मंत्री रीता साहू ने राज्य के मुख्य सचिव प्रदीप जेना से जाकर भेंटकर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक चेक सौंपा। उन्होंने कहा कि इस संबंधी फोटो भी अखबारों में है। इससे स्पष्ट हो गया है कि राज्य में ब्यूरोक्रेसी सरकार चला रही है। राज्य में लोकतंत्र के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है। मंत्री सचिव से भेंटकर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि इससे कैसे बर्दास्त किया जाएगा। उन्होंने पूछा कि इसे विधानसभा कैसे बर्दाश्त करेगा।
बुक सर्कुलर 47 का पालन नहीं
उन्होंने कहा कि बुक सर्कुलर 47 में जनप्रतिनिधियों के साथ सरकारी कर्मचारी कैसा व्यवहार करेंगे, उसका उल्लेख है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि राज्य सरकार के अधिकारी बुक सर्कुलर की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अधिकारी विधायकों के पत्र का उत्तर तक नहीं दे रहे हैं। इस बारे में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अवगत कराया है, लेकिन इसका नतीजा शून्य है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में शून्यकाल चल रहा है। शून्यकाल में विधानसभा में आफिसर्स गैलरी में अधिकारियों को बैठकर कार्यवाही को सुननी चाहिए, लेकिन यहां अभी अधिकारी नहीं बैठे हैं। हम लोगों की समस्याओं को विधानसभा की चार दिवारों में बोल कर खुश हो रहे हैं। यहां लोग प्रतिनिधियों का कोई मान सम्मान नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि मंत्री जब मुख्य सचिव से भेंट करने की बात की होगी, तब मुख्य सचिव को उन्हें सलाह देनी चाहिए थी कि वह मुख्यमंत्री से जाकर चेक भेंट करें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और काफी प्रसन्नता के साथ चेक स्वीकार करते हुए फोटो प्रकाशित हुई है। इससे इससे बड़ी लज्जा की बात क्या हो सकती है।
मंत्री को सदन में क्षमा याचना करनी चाहिए
उन्होंने कहा कि आगे ऐसी बात ना हो इसके लिए मंत्री को सदन में क्षमा याचना करनी चाहिए। साथ ही मुख्य सचिव को भी खेद व्यक्त करना चाहिए।
सारे मंत्री ऐसे नहीं हैं – निरंजन पुजारी
नरसिंह मिश्र के इन बातों का संसदीय मामलों के मंत्री निरंजन पुजारी ने जवाब देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के नेता अपने बयान में सारी मंत्रियों की बातें कर रहे हैं, जबकि सारे मंत्री ऐसे नहीं हैं। यदि घोड़ा चलाने वाला ठीक होगा, तो घोड़ा ठीक चलेगा, लेकिन कांग्रेस विधायक दल के नेता सारे मंत्रियों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनसे जो भी सवाल किया जाएगा, उसका उत्तर देंगे। इसी बीच नरसिंह मिश्र और निरंजन पुजारी के बीच वाद-विवाद दिखा। विपक्ष के विधायक सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। 15 मिनट के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के पर स्थित पहले जैसी देखी गई। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 4:00 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की।