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समुद्र में मछुआरों को मिला जासूसी कबूतर

  • पैर पर बंधा मिला छोटा कैमरा और एक चिप

  •  शरीर पर नीले और लाल रंग में विदेशी भाषा में लिखे मिले गुप्त संदेश

भुवनेश्वर। पुरी जिले में मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गए मछुआरों ने एक जासूसी कबूतर को पकड़ एक बड़ी साजिश को विफल कर दिया। कबूतर को पारादीप मरीन पुलिस को सौंप दिया गया है। बताया जाता है कि इस पक्षी को 6 मार्च की दोपहर को पुरी जिले के कोणार्क क्षेत्र के रामचंडी में सारथी नाम के एक ट्रॉलर के मछुआरों ने पकड़ा था। इसके पैर में एक छोटा जासूसी कैमरा और एक चिप बांधा गया था, जो जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम प्रतीत होता है। कबूतर को पकड़ने के तुरंत बाद सतर्क मछुआरों ने जासूसी कैमरे को उसके पैर में काली टेप से लपेट दिया और बीते बुधवार को पारादीप फिशिंग हार्बर पहुंचकर कबूतर को रस्सी से बांधकर समुद्री पुलिस को सौंप दिया। मछुआरों के अनुसार, कबूतर के शरीर पर नीले और लाल रंग में विदेशी भाषा में गुप्त संदेश जैसा कुछ लिखे हुए थे। यह चीनी और उर्दू भाषा जैसा प्रतीत होते हैं।

एक मछुआरा प्रकाश बेहरा ने कहा कि जब कबूतर उस पर बैठा था, तब ट्रॉलर कोणार्क में रामचंडी लाइटहाउस के पास लंगर डाले हुए था। हमें कबूतर के पैर में एक जीपीएस चिप और कैमरा लगा हुआ मिला। समुद्री पुलिस ने पक्षी को हिरासत में ले लिया है। हमने कैमरे और जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से जुड़ा ऐसा कबूतर कभी नहीं देखा। ट्रॉलर के संचालक शंकर बेहरा ने कहा कि जब कबूतर हमारे ट्रॉलर पर बैठा तो कुछ मछुआरों ने उसे पकड़ लिया और उसे रस्सी से बांध दिया। जैसे ही हमने कैमरा और चिप देखा, हमने उन्हें काले टेप से लपेट दिया। उन्होंने कहा कि हमें 6 मार्च को शाम करीब 4 बजे कबूतर मिला। आज जैसे ही हम पहुंचे, हमने कबूतर को समुद्री पुलिस को सौंप दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले की आगे की जांच की जा रही है।

जासूस कबूतर को राज्य पुलिस के कबूतर और डॉग स्क्वायड में स्थानांतरित किया गया

पारादीप मरीन पुलिस ने गुरुवार को संदिग्ध ‘जासूस कबूतर’ को ओडिशा के कटक में राज्य पुलिस के कबूतर और डॉग स्क्वायड में स्थानांतरित कर दिया। इसके अलावा, कैमरा और माइक्रोचिप को भुवनेश्वर में राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला में यह पुष्टि करने के लिए भेजा गया है। कहा जा रहा है कि कबूतर और डॉग स्क्वायड के विशेषज्ञ इस पक्षी की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह जासूसी के लिए प्रशिक्षित था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इसका वहां पुनर्वास किया जाएगा।

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