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एसएचजी की महिलाएं के राजनीति में आने की नहीं हो आलोचना

  • मिशन शक्ति से जुड़ी महिलाओं के राजनीति में इस्तेमाल किए जाने के आरोपों पर आयुक्त-सह-सचिव ने दिया जवाब

  • कहा-यह महिलाओं के अधिकार और पसंद का मामला है

भुवनेश्वर। मिशन शक्ति हमेशा महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए एक मंच प्रदान करती है। यदि एसएचजी की महिलाएं राजनीति में भाग ले रही हैं, तो हमें उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह उनके अधिकार और पसंद का मामला है। ये बातें  सुजाता आर कार्तिकेयन, आयुक्त-सह-सचिव, मिशन शक्ति ने कहीं। उन्होंने ये बातें मिशन शक्ति से जुड़ी महिलाओं के राजनीति में इस्तेमाल किए जाने के आरोपों के जवाब में कहीं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण समग्र होना चाहिए। आप सशक्तिकरण को कई हिस्सों में नहीं बांट सकते। आप किसी को बिजनेस करने के लिए नहीं कह सकते, लेकिन पॉलिटिकल स्पेस में बोल नहीं सकते। सशक्तिकरण एक पूर्ण प्रक्रिया है। पंचायत चुनाव में 50 फीसदी आरक्षण होने के बावजूद 60 से 70 फीसदी महिलाओं ने अपने दम पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जिला परिषद के मामले में 21 महिलाएं अध्यक्ष हैं। कार्तिकेयन ने कहा कि अगर महिलाएं राजनीति में आ रही हैं, तो इसकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए। कार्तिकेयन ने महिलाओं के राजनीति में भाग लेने के बारे में जो कहा, उस पर कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता विजय पटनायक ने कहा कि हम महिलाओं के राजनीति में शामिल होने पर एक ही पृष्ठ पर हैं। हम उनका स्वागत करेंगे, लेकिन हम जनता के पैसे से राजनीति करने के लिए उनका इस्तेमाल करने के सरकार के कदम का निश्चित रूप से विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति सचिव ने जो कहा उससे यह साबित होता है कि मिशन शक्ति की महिलाओं को सरकारी पैसे से प्रोत्साहित किया जा रहा है और राजनीति में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। हम इसका विरोध करेंगे।

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