भुवनेश्वर। कीट-कीस के संस्थापक तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो. अच्युत सामंत ने ओडिशा के लौहपुरुष स्व.बीजू पटनायक की 107वीं जयंती पर कीस परिसर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रो. अच्युत सामंत ने बीजू पटनायक के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए उन्हें आधुनिक ओडिशा के निर्माता बताये जिनकी व्यापक रूप से प्रशंसा आज भी की जाती है और जो अपनी दूर दृष्टि और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाने जाते थे। प्रो. सामंत ने कहा , “आज पूरा राज्य दिवंगत ओडिशा के लौहपुरुषनेता की जयंती मना रहा है। ओडिशा के विकास में उनका योगदान बहुत बड़ा है। हम इस प्रतिमा के अनावरण के साथ उनके जीवन और कार्यों को सम्मान दे रहे हैं।”प्रो.सामंत ने यह भी कहा कि बीजू पटनायक का जनजातीय कल्याण और महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ उनके बच्चों को भुवनेश्वर में शिक्षा देने का भी एक सपना था जो अधूरा रह गया था और उसको मैं,प्रो.अच्युत सामंत पूरा कर रहा हूं।
हमने आदिवासी छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए ही कीस की स्थापना 1992-93 में की जो आज विश्व का सबसे बडा और प्रथम आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर बन चुका है।प्रो. अच्युत सामंत ने कीट कैंपस में हाल ही में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा उद्घाटित किए गए बीजू पटनायक इंडोर स्टेडियम के बारे में भी बताया।प्रो. सामंत ने यह भी बतायाकि स्व. बीजू पटनायक के नाम पर एक चेयर भी कीस में स्थापित की गई है और यह विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों का संचालन कर रही है। बीजू पटनायक की प्रतिमा कीस के मुख्य परिसर में अन्य महान हस्तियों जैसे स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गोपबंधु दास, मधुसूदन दास, डॉ बी. आर. अम्बेडकर और अन्य के साथ स्थापित की गई है। अवसर पर सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान, कोलकाता के निदेशक हिमांशु खटुआ; सचिव कीट और कीस आरएन दास, कीट डीयू के वीसी प्रो. सस्मिता सामंत; कीस डीयू के वीसी प्रो. दीपक बेहरा; किट अंतर्राष्ट्रीय संबंध डीजी देबराज प्रधान; कीस के डीजी डॉ. कान्हू चरन महली; कीम्स-भुवनेश्वर के प्रधानाचार्य, डॉ. अंबिका प्रसाद मोहंती, और कीस के विभिन्न पीठों के प्रोफेसर मौजूद थे।