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सर्वे में देवगढ़, केंदुझर और मयूरभंज जिलों में सोने की उपस्थिति का पता चला
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इस्पात और खान मंत्री प्रफुल्ल मल्लिक ने विधानसभा में दी जानकारी
भुवनेश्वर। ओडिशा में खनिज संपदा का विशाल भंडार होने के साथ-साथ अब राज्य के तीन जिलों में सोने के भंडार का पता चला है। राज्य के इस्पात और खान मंत्री प्रफुल्ल मल्लिक ने सोमवार को यह जानकारी दी। विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान ढेंकानाल विधायक सुधीर कुमार सामल के एक प्रश्न के जवाब में जानकारी साझा करते हुए मल्लिक ने कहा कि खान तथा भूविज्ञान निदेशालय और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा सर्वेक्षण के बाद ओडिशा के देवगढ़, केंदुझर और मयूरभंज जिलों में सोने की उपस्थिति का पता चला है। उन्होंने कहा कि राज्य खान और भूविज्ञान निदेशालय ने एक प्रारंभिक सर्वेक्षण के माध्यम से देवगढ़, मयूरभंज और केंदुझर जिलों में विभिन्न स्थानों पर सोने के भंडार पाए हैं। खोज का विवरण अनुबंध-ए में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने बताया कि मयूरभंज जिले के जशीपुर, सड़गुड़ा, रुआंसी, इदेलकुचा, बादामपहाड़ और सुलेइपट (धुसुरा पहाड़ी) में सोने के भंडार पाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इदेलकुचा-मरेडिही-बादामपहाड़ क्षेत्र में सर्वेक्षण में 1 टन ऑरिफेरस लोड (धातु युक्त चट्टान) में 0.1-2.6 ग्राम सोना पाया गया। सुलेइपट क्षेत्र में राज्य खान और भूविज्ञान निदेशालय ने साल 1970-71 में धुसुरा पहाड़ी के समूह क्षितिज में 2.3 किमी में फैले प्रति टन चट्टान में 0.1-0.8 ग्राम सोने का पता लगाया था।
इसी तरह देवगढ़ जिले के अड़स में तांबे के अयस्क में 1685 किलो सोना पाया गया है। क्षेत्र में सोने के साथ-साथ 6.67 मिलियन टन तांबा, 0.638 मिलियन टन चांदी और 0.10 मिलियन टन निकल पाया गया।
केंदुझर जिले के तेलकोई के गोपुर, गाजीपुर, कुसकला, अदल और सालेइकणा, डिमिरिमुंडा और करडंगा जैसे क्षेत्रों में कीमती धातु के भंडार पाए गए। साल 1977-1983 के बीच भूवैज्ञानिकों ने जिले के तेलकोई तहसील में दो क्वार्ट्ज नसों में प्रति टन 1 ग्राम सोना पाया। गोपुर में 60 मीटर लंबी और 1 मीटर चौड़ी चट्टान में प्रति टन 2.5-10 ग्राम सोना होता था।