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नेता प्रतिपक्ष ने जतायी चिंता, बिना नोटिस बिजली कटौती का मुद्दा उठाया
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कहा- कंपनी गुंडों का इस्तेमाल कर वसूल रही है पैसा
भुवनेश्वर। ओडिशा में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर की टीपी सेंट्रल ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीसीओडीएल) समेत सभी इकाइयों की दादागिरी का मुद्दा आज ओडिशा विधानसभा में उठा। नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्र ने टीपीसीओडीएल की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर आरोप लगाये तथा इसकी कार्यशैली को दादागिरी करार दिया। उन्होंने राज्य सरकार के साथ हुए करार का उल्लंघन कर दादागिरी करने के मामला आज विधानसभा में उठाया। प्रतिपक्ष के नेता जय नारायण मिश्र के साथ-साथ भाजपा विधायक जयंत षड़ंगी ने भी इस मुद्दे को उठाकर इस मामले में राज्य सरकार से कार्रवाई करने की मांग की।
बकाया राशि वसूलने प्रावधान नहीं
आज विधानसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुददे को उठाते हुए प्रतिपक्ष के नेता जय नारायण मिश्र ने कहा कि टाटा कंपनी के साथ राज्य सरकार का जो करार हुआ है, उसमें बकाया राशि वसूल करने के कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद कंपनी करार का उल्लंघन कर बिजली के बकाया राशि बलपूर्वक वसूल करने का प्रयास कर रही है। इस कारण राज्य के अनेक हिस्सों से विवादीय स्थिति उत्पन्न हो रही है।
वसूली के लिए कंपनी कर रही गुडों का इस्तेमाल
नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्र ने कहा कि लोगों से वसूली के लिए कंपनी ने गुडों को इस्तेमाल कर रही है। ये गुंडे लोगों को धमका रहे हैं। बिना नोटिस के लोगों का बिजली का कनेक्शन काटा जा रहा है। बिजली के विचित्र बिल आ रहे हैं। एक बल्ब जलाने वाले परिवार को एक लाख रुपये का बिल आ रहा है। अब बच्चों के परीक्षाएं चल रही है। गर्मी आ रही है। ऐसी स्थिति में बिजली का कनेक्शन काटना गलत है।
विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया
नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्र ने बिजली वितरण में लगी इस कंपनी के बारे विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि वह रुलिंग दें। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केसरी आरुख ने इस पर कहा कि इस मामले पर वह ध्यान दे रहे हैं तथा इसके समाधान के लिए ऊर्जा मंत्री व विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे।
नवभारत पहले उठा चुका है यह मुद्दा
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समाचारपत्र नवभारत ने इस मुद्दे को पहले ही उठाया था, जिसमें बताया गया था कि बिजली वितरण करने वाली टाटा कंपनी की टीपी सेंट्रल ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीसीओडीएल) के आने के बाद से ग्राहकों की संतुष्टि गायब हो चुकी है। विभागों में दलालों की सक्रियता की बात भी सामने आयी थी। इतना ही नहीं, विवादित मामलों के निपटारे में किसी प्रकार से अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं, इन सभी विषयों को भी उठाया गया था। साथ ही यह भी नवभारत ने कवर किया था कि एक ग्राहक को 10 महीने तक चक्कर काटने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली।