भुवनेश्वर। नव किशोर दास हत्या मामले में आज सदन कई बार स्थगित हुआ। विपक्षी भाजपा व कांग्रेस ने इस मामले को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस कारण आज प्रश्नकाल के साथ-साथ अन्य निर्धारित कार्यक्रम नहीं हो सके।
आज सदन की कार्यवाही शुरु होते ही भाजपा व कांग्रेस के विधायक सदन के बीच में आकर नव किशोर दास की हत्या तथा राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति को लेकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा विधायकों के हाथों में प्लाकार्ड भी था। उधर बीजद विधायक भी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े होकर केन्द्र सरकार पर किसान व गरीब विरोधी होने का आरोप लगाने वाले प्लाकार्ड को हाथ में पकड़े हुए थे। विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख ने सभी विधायकों से सदन को चलाने में सहयोग देने की अपील की, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं दिखा। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 11.30 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की। सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच पोस्टर वार देखने को मिला।
भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने कहा कि हमने स्पीकर से मंत्री नव किशोर दास की हत्या को प्रस्ताव के रूप में चर्चा करने का अनुरोध किया था, लेकिन स्पीकर ने हमारी मांगों या आवेदन को नहीं माना। यह एक संवेदनशील मामला है और इसकी गहन जांच की जरूरत है। हमें क्राइम ब्रांच से कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि सीबी का इतिहास बताता है कि उन्होंने कभी भी किसी मामले को सफलतापूर्वक सुलझाया नहीं है।
इसलिए हम इस मामले में सीबीआई द्वारा गहन जांच की मांग करते हैं। किसानों के मुद्दों को उठाकर वे सिर्फ मामले को मोड़ने और नव दास के असली हत्यारे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा तब तक लड़ाई जारी रखेगी, जब तक सीबीआई को जांच का जिम्मा नहीं दिया जाता। गौरतलब है कि मंगलवार से शुरू हुआ ओडिशा विधानसभा का बजट सत्र छह अप्रैल तक चलेगा।