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कहा- विकास का आधार है तकनीक
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कृषि के क्षेत्र में भी है तकनीक की बहुत आवश्यकता
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बरमुंडा मैदान में तीन दिवसीय राज्य वार्षिक कृषि उत्सव शुरू
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज किसानों से नई तकनीकी को अपनाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यहां बरमुंडा मैदान में तीन दिवसीय राज्य वार्षिक कृषि उत्सव ‘कृषि ओडिशा’-कृषि ओडिशा-2023 का उद्घाटन किया और उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
इस अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि मशीनीकरण और फसल विविधीकरण पर जोर दिया और उन्हें नई तकनीकों का उपयोग करने और अधिक आर्थिक फसलें उगाने की सलाह दी। कृषि एवं किसान अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित कृषि ओडिशा 18 फरवरी तक चलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक विकास का आधार है। कृषि के क्षेत्र में भी तकनीक की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष का मेला कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक के उपयोग पर केंद्रित है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी किसान नई तकनीक के बारे में जानेंगे, इसे लागू करेंगे और कृषि के क्षेत्र में सफल होंगे और अपने और अपने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
नवीन ने यह भी कहा कि कृषि और किसानों का विकास मेरी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। आज, ओडिशा कृषि के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बन गया है। हम खाद्यान्न की कमी वाले राज्य से खाद्यान्न में अधिशेष राज्य होने और पूरे देश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को चावल की आपूर्ति करने वाले राज्य बन गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कालिया योजना से किसानों को नौकरी की सुरक्षा मिलने की बात कहते हुए कहा कि कृषि यंत्रीकरण पर जोर देकर फसल की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पणस मिशन और छतू मिशन जैसे विशेष मिशनों के माध्यम से किसानों की आजीविका और पोषण सुरक्षा को महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे मिलेट मिशन ने आज पूरे देश और दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। इसने हमारे मिशन शक्ति मां की आय बढ़ाने में भी मदद की है।
कृषि ओडिशा में मौजूद डब्ल्यूएफपी, आईएफएडी और एफएओ जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि के क्षेत्र में उनके निरंतर सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
इस मौके पर कृषि मंत्री रणेंद्र प्रताप ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में कृषि विभाग ने कई अभिनव कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में ओडिशा मछली, मांस, अंडे और दूध के उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है और किसानों की आय बढ़ाने में कृषि संबंधी कार्यक्रमों को महत्व देकर उनकी आय में भी वृद्धि की गई है।