बताया जाता है आरोपी ने अस्पताल के ओ एंड जी विभाग के सुरक्षा गार्ड से संपर्क किया और खुद को नवनियुक्त डॉक्टर बताकर वार्ड का रास्ता पूछा। हालांकि, नियमित दौर की जांच करते हुए मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) ने युवक को स्टेथोस्कोप लेकर घूमते हुए देखा और उससे कुछ नियमित प्रश्न पूछे। जब वह कोई जवाब नहीं दे पाया तो सीडीएमओ को शक हुआ और उन्होंने अस्पताल में पुलिस डेस्क को इसकी सूचना दी। सुरक्षाकर्मियों ने जब आरोपी को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ शुरू की तो पता चला कि वह फर्जी डॉक्टर है।
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