-
बाबा रामदेव रुणीचावाले मंदिर प्रांगण में ध्वजारोहण के उपरांत हुआ लोकार्पण
भुवनेश्वर। आजाद भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह को बाबा रामदेव रुणाचावाले मंदिर प्रांगण कटक-भुवनेश्वर राजमार्ग, श्रीरामनगर में भी आयोजित हुआ। मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष तथा ट्रस्टी लक्ष्मण महिपाल ने ध्वाजारोहण किया तथा अपने संबोधन में देश के शक्तिबोध तथा सौंदर्यबोध को बचाये रखने का संदेश देते हुए आध्यात्मिक जीवन जीने तथा उसके प्रचार-प्रसार के लिए सभी को कुछ न कुछ करने का पावन संदेश दिया। उक्त अवसर पर श्रीहरि सत्संग समिति भुवनेश्वर के सौजन्य से एक भव्य श्रीहरि मंदिर रथ लोकापर्ण समारोह आयोजित हुआ। पूरे आध्यात्मिक परिवेश में इस आध्यात्मिक रथ को श्री हरि सत्संग से जुड़े एवं एकल अभियान भुवनेश्वर चैप्टर के संरक्षक, उद्योगपति लक्ष्मण महिपाल एवं उनकी पत्नी कौशिल्या देवी महिपाल ने श्रीहरि मंदिर रथ (मिनी बस) की विधिवत पूजनकर, लोकार्पित किया तथा मिनी बस की चाभी श्रीहरि सत्संग समिति भुवनेश्वर को सौंप दी। अपने संबोधन में दाता लक्ष्मण महिपाल ने बताया कि वे जिस एकल अभियान से चुड़े हैं उसमें ओडिशा के गांव-गांव में श्रीराम तथा श्री जगन्नाथ चेतना के प्रचार-प्रसार की जरुरत है, जिसकी पूर्ति यह मिनी बस करेगी। यह मिनी बस प्रति दिन ओडिशा के कम से कम तीन गांवों में जाएगी। फ्रेंड्स आफ ट्राइवल सोसाइटी, भुवनेश्वर के अध्यक्ष रोटेरियन अजय अग्रवाल ने अपने संबोधन में दानदाता लक्ष्मण महिपाल जी पति-पत्नी के प्रति आभार जताते हुए यह बताया कि एफटीएस के पास पहले से ही तीन मिनी बसें हैं जो श्रीराम तथा श्रीजगन्नाथ धर्म के प्रचार-प्रसार में लगीं हैं। यह मिनी बस चलता-फिरता मंदिर है जिसमें एलसीडी लगा है जिसके माध्यम से जिस गांव में राम और जगन्नाथ के मंदिर नहीं हैं, उस गांव के लोगों को एलसीडी के माध्यम से उनके दर्शन भी कराएगी तथा उनके विषय में भी बताएगी। ओडिशा के सुदूर गांव के बच्चों को इससे शाश्वत जीवन मूल्यों को जानने और समझने में बहुत मदद मिलेगी। लालचंद मोहता श्रीहरि सत्संग समिति भुवनेश्वर के अध्यक्ष ने बताया कि महिपाल एक आध्यात्मिक पुरुष हैं जो चाहते हैं कि ओडिशा के हजारों एकल विद्यालयों के बच्चों के जीवन में श्रीराम चन्द्र भगवान तथा श्री जगन्नाथ भगवान के जीवन के बारे में बताकर बच्चों में नैतिकता का प्रचार-प्रसार हो। इस अवसर पर जैन समाज, भुवनेश्वर महिला विंग की अध्यक्ष चंचल जैन, शुभकरण भुरा, प्रकाश भुरा, प्रकाश बेताला तथा बच्छराज बेताला के साथ अन्य कई विशिष्ट मेहमान उपस्थित थे। इस अवसर पर एकल परिवार के शिक्षकों ने जहां श्रीराम जय राम जय जय राम भजन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, तो वहीं अकल अभियान से जुड़े पदाधिकारियों ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से ओडिशा का एकल परिवार न सिर्फ अपनी धर्म व संस्कृति की रक्षा कर रहा है, बल्कि भारत देश तथा भारतीय संस्कृति की भी रक्षा कर रहा है। भोले-भाले वनवासियों को माओवादी गतिविधि या दूसरे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने से भी रोक रहा है। इस अवसर पर इस कटक-भुवनेश्वर के अनेक समाजसेवी, उद्योगपति तथा आमंत्रित विशिष्ट मेहमान उपस्थित थे।