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एसडीजेएम की अदालत ने अग्रवाल के तीन सहयोगियों को भी भेजी समन
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कोर्ट ने नौकरशाह को 24 जनवरी को पेश होने को कहा
मालकानगिरि। निजी सहायक (पीए) देवनारायण पंडा की मौत के मामले में मालकानगिरि के उप-विभागीय न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) की अदालत ने पूर्व जिला जिलाधिकारी मनीष अग्रवाल को तलब किया है। कोर्ट ने अग्रवाल के तीन सहयोगियों को भी समन नोटिस जारी की है। कोर्ट ने नौकरशाह मनीष अग्रवाल को 24 जनवरी को पेश होने को कहा है। गौरतलब है कि ओडिशा क्राइम ब्रांच ने पंडा की रहस्यमयी मौत की जांच के बाद दिसंबर 2022 में अग्रवाल को क्लीन चिट दे दी थी। मृतक के परिजनों ने जिलाधिकारी पर हत्या का आरोप लगाया था।
हालांकि, क्राइम ब्रांच द्वारा क्लीन चिट के बावजूद अदालत ने महसूस किया था कि मामले में और अधिक गहन जांच की आवश्यकता है और गवाहों और पंडा की पत्नी को गवाही देने के लिए कहा था। इसके बाद मनीष अग्रवाल को 24 जनवरी को पेश होने के लिए समन भेजा है।
आदेश में अदालत ने कहा है कि मामले का रिकॉर्ड शिकायतकर्ता द्वारा दायर की गई आवश्यकताओं के आधार पर रखा गया है। शिकायतकर्ता ने पिछले आदेश के अनुसार आवश्यक सामग्री प्रस्तुत की है। तदनुसार, आरोपी व्यक्तियों को 24 जनवरी को पेश होने के लिए नोटिस जारी की जाती है।
गौरतलब है कि मालकानगिरि के पूर्व जिलाधिकारी मनीष अग्रवाल के निजी सहायक देवनारायण पंडा 27 दिसंबर, 2019 को अपने कार्यालय से लापता हो गए थे। बाद में मालकानगिरि शहर के सतीगुड़ा बांध से उनका शव बरामद किया गया था और उनकी मोटरसाइकिल और हेलमेट भी बरामद की गयी थी। हालांकि पुलिस ने पहले आत्महत्या और बाद में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था, लेकिन पंडा की पत्नी ने पूर्व जिलाधिकारी के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया था। बाद में क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू की और तत्कालीन जिलाधिकारी को क्लीन चिट दे दी। जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया कि पंडा की मौत आत्महत्या से हुई थी और अग्रवाल की मौत में कोई संलिप्तता नहीं थी। मनीष अग्रवाल वर्तमान में योजना और अभिसरण विभाग के उपसचिव के रूप में कार्यरत हैं।
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