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अरुण दे मजदूर वर्ग के नायक थे – जिलाधिकारी
बालेश्वर। बालेश्वर तथा राज्य के लोकप्रिय नेता स्वर्गीय अरुण दे की कांस्य प्रतिमा का अनावरण आज नये ओवरब्रिज के पास ओटी रोड के किनारे किया गया। जिलाधिकारी दत्तात्रय भाऊसाहेब सिंधे ने प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि वे जिले के मजदूर वर्ग के अद्वितीय नेता के रूप में जाने जाते थे। बार-बार विधायक बनकर उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है। सिंधे ने कहा कि उनकी इस प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें गर्व हो रहा है। बालेश्वर विधायक स्वरुप कुमार दास अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होते हुए कहा कि पांच बार विधानसभा के लिए चुने गए, अरुण दे ने अपनी लोकप्रियता दिखाई है। दास ने कहा कि स्वर्गीय दे जिले के सभी गरीबों के मार्गदर्शक थे, चाहे वह रिक्शा चालक हो या झड़ूदार। बलेश्वर के कई नेताओं ने आज उनके प्रभाव में राजनीति कर अपना नाम बनाया है। अन्य लोगों में जिला परिषद अध्यक्ष नारायण प्रधान, नीलगिरि विधायक सुकांत नायक, रेमुणा विधायक सुधांशु सेखर परिडा, नीलगिरि पुर्व विधायक प्रदीप्त पंडा, पूर्व रेमुना विधायक सुदर्शन जेना, पूर्व नगरपाल तपन चक्रवर्ती, आलोक कुमार साहू, सुजाता दास, श्रमिक नेता अरुण स्वाईं, बीजद नेता बसंत पंडा, कांग्रेस नेता अरुण जेना, नगरपालिका के उपाध्यक्ष कैलाश सेठी, पूर्व उपाध्यक्ष मनोज राउत, पेट्रोल पंप एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप दास, सौम्यरंजन यादव, रेमुणा ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष गोपीनाथ सेनापती, स्मृति परिष्द के सचिव रंजन प्रधान, घनश्याम गिरि, मधु महापात्र, रवि राउत, पंचानन मन्ना और सुपति, गोपीनाथ राणा ने मुख्य भाषण दिया और अरुण दे द्वारा किए गए कार्यों और उनकी कार्यशैली पर विस्तार से बात की। इस बैठक में स्मृति परिषद के अध्यक्ष एवं दिवंगत अरुण दे की छोटी बहन डा बासंती दे चक्रवर्ती ने अध्यक्षता की, कार्यवाहक अध्यक्ष विष्णु प्रसाद मोहंती ने उद्घाटन भाषण दिया और परिषद के वरिष्ठ सलाहकार ने बैठक का संचालन किया एवं पार्षद विश्वजित महापात्र ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया। स्मृति परिषद के सदस्य अभिजीत दास, विनोद जी, शरत दास, आशीष दास, त्रिलोचन बेहरा, भोलानाथ बेहरा, जयंत महापात्र, कानूनी सलाहकार ईश्वर्या सेनापती, गोविंद राठी, रंजीत दास, अशोक बेहरा प्रमुख ने कार्यक्रम का संचालन किया। उल्लेखनीय है कि इस प्रतिमा का निर्माण खलीकोट कॉलेज के सेवानिवृत्त अध्यक्ष जयंत दास ने किया है एवं इस पर कुल 15 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।