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अनूठे अंदाज में उत्कल दृष्टिहीन संघ ने किया नववर्ष का स्वागत
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दृष्टिहीन कवियों की कविताओं को सुन मंत्र मुग्ध हुए लोग
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सभी ने किया प्रतिभा को सलाम
भुवनेश्वर : नव वर्ष 2023 का स्वागत अपने अपने अंदाज से हर वर्ग के लोगों ने किया मगर भुवनेश्वर में उत्कल दृष्टिहीन संघ की तरफ से संघ के सम्मेलन कक्ष में नव वर्ष का स्वागत अनूठे तरीके से किया गया है। दृष्टिहीन संघ को इस तरह के आयोजन की सोच के लिए उपस्थित अतिथियों ने धन्यवाद दिया और साथ ही ईश्वर की सृष्टि का वर्णन कर उनकी प्रतिभा को सलाम किया। कविता आसार का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। सभागार में जैसे ही उत्कल दृष्टिहीन संघ के छात्र-छात्राओं ने जय-जय देव हरे- वंदना के साथ- हम समाज पर बोझ नहीं हैं स्वागत गीत पेश किया पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजयमान हो गया। संन्यासी बेहेरा के सकुशल संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में एक के बाद एक दृष्टिहीन संघ के कवि एवं कवियत्रियों ने अपने कविता के माध्यम से सभी का दिल जीत लिया। इन कवियों की कविता आसार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उपस्थित अतिथियों ने कहा कि हम आज अगर यहां नहीं आते तो शायद यह हमारी जीवन की सबसे बड़ी भूल होती। सभी अतिथियों ने कहा कि कौन कहता है कि आप समाज पर बोझ हैं। सृष्टि कर्ता का वर्णन करते हुए उन्हें यह समझाने के प्रयास किया कि कवि सूरदास से लेकर दुनिया में कई ऐसे महान कवि हुए हैं जिन्होंने दृष्टिहीन होने के बावजूद अपनी प्रतिभा के बल पर ख्याति अर्जित की है। दृष्टिहीन हैं कुछ कर नहीं सकते है, यह केवल एक अवधारणा है आप लोगों ने जिस प्रकार से आज नव वर्ष के पावन अवसर पर अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी है, वह यह दर्शाने के लिए काफी है कि सृष्टिकर्ता जब हमें जिस रूप में धरती पर भेजता है, उसके पीछे उसका कुछ न कुछ रहस्य जरूर होता है। समारोह में राजनीति, शासन तंत्र से लेकर कवि एवं मीडिया से जुड़े लोग विशिष्ट मेहमान के तौर पर उपस्थित थे और सभी ने दृष्टिहीन संघ के इस आयोजन की ना सिर्फ प्रशंसा की बल्कि संघ के कवियों द्वारा प्रस्तुत कविता कों सुनकर यह कहने को मजबूर हो गए कि सृष्टिकर्ता जो भी कर्ता है सोच समझकर करता है। कार्यक्रम में विशेष रूप से पूर्व मंत्री पंचानन कानूनगो, पूर्व एचओडी रेवेंसा विश्व विद्यालय बाउरी बंधु साहू, रेवेंसा के पूर्व प्रो. डा. केदार नाथ साहू, पूर्व सचिव डा. ज्ञानरंजन महांति, पबल्कि रिलेशन आफिसर एवं भुवनेश्वर साहित्य संसद के अध्यक्ष सूर्य मिश्र, अतिरिक्त सचिव रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट ओडिशा अभय नायक, ओडिशा कंस्ट्रक्शन वर्कर्स बोर्ड के चेयरमैन श्रीमयी मिश्र, कवि किशन खंडेलवाल, प्रो. गिरिश चन्द्र बेहरा, देवेन्द्र प्रधान, पूर्व प्रधानाध्यापक सुकुमार विश्वाल प्रमुख ने अपनी कविता के माध्यम से सभी का दिल जीत लिया।