भुवनेश्वर। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई), भुवनेश्वर के सौजन्य से गोठपाटणा स्थित इलीट भवन के सभागार में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (केन्द्रीय सरकारी कार्यालय) भुवनेश्वर की एक दिवसीय संयुक्त हिंदी कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें कुल लगभग 150 कार्यालयों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्घाटन एसटीपीआई के निदेशक मानस रंजन पंडा ने किया। वे अपने संबोधन में आयोजित हिन्दी कार्यशाला के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में अनेक तकनीकी विकास हो चुके हैं, जिनसे प्रत्येक केन्द्रीय सरकार के हिंदी से जुड़े कर्मचारी को अवगत होना जरुरी है और इसी के लिए यह एक दिवसीय संयुक्त हिंदी कार्यशाला आयोजित हुई है।
उन्होंने यह भी बताया नई शिक्षा नीतिः2020 के अनुसरण में सभी भारतीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पहली कक्षा से लेकर मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन आदि की पाठ्य पुस्तकें सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रयास तेजी से हो रहा है। इस अवसर पर नराकास के सचिव मंजेश परासर ने प्रतिभागियों से सरकारी कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के लक्ष्यों की प्राप्ति में आनेवाली समस्याएं को जाना ताकि इस कार्यशाला में संकाय विशेषज्ञों द्वारा उनका समाधान किया जा सके। केंद्रीय विद्यालय-1, यूनिट-9, भुवनेश्वर के पीजीटी हिन्दी रवीन्द्र कुमार दुबे ने कार्यशाला के आयोजन संबंधी राजभाषा विभाग के अनुदेशों की जानकारी दी। इस कार्यशाला के प्रमुख संकाय विशेषज्ञ एसटीपीआई के सलाहकार (राजभाषा) हरिराम पंसारी ने अपने तकनीकी प्रेजेंटेशन के माध्यम से हिंदी में कंप्यूटर एवं मोबाइल फोन में उपलब्ध नवीन तकनीकी सुविधाओं, विभिन्न इनपुट प्रणालियों, बोलकर टाइप करने, दर्ज पाठ को बोलकर सुनाने, अनुवाद करने, स्पेलिंग जांचने, मुद्रित पाठ के इमेज को ओसीआर द्वारा टेक्स्ट में बदलने से लेकर हिन्दी वर्ड-नेट अंतर्राष्ट्रीय युनिकोड मानकों के फोंट्स में प्रकाशन आदि की व्यावहारिक जानकारी दी और प्रतिभागियों की समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किये। उन्होंने नई तकनीकी के प्रचलन से हजारों करोड़ रुपये की राष्ट्रीय बचत के आंकड़े भी पेश किए और हरेक हिंदीकर्मी को तकनीकी रूप से दक्ष बनने का आह्वान किया।