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राज्य सरकार का गवाहों को समाप्त करने का अभियान
भुवनेश्वर, बहुचर्चित ममिता मेहेर हत्याकांड में मुख्य आरोपित तथा गबाह गोविंद साहू की जेल में हुई मौत आत्महत्या नहीं है बल्कि एक सोची समझी हत्या है । राज्य सरकार के मंत्री परिषद के अनेक सदस्य व विधायक तथा मुख्यमंत्रियों के सहयोगी विभिन्न कुकृत्य कर कानून के दायरे में आने की आशंका को समाप्त करने के लिए गोविंद साहू की हत्या की गई है । राज्य सरकार ने गबाहों को साफ करने का अभियान चलाया हुआ है । इसलिए इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच से नहीं बल्कि सीबीआई से कराया जाना चाहिए । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने यह बात यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में कही ।
उन्होंने कहा कि ममिता मेहेर हत्या मामले के आरोपित गोविंद की कोर्ट में पेशी होने से ठीक पूर्व मौत हो जाना कोई संयोग नहीं है बल्कि हत्या है। ममिता मेहेर की हत्या के मामले में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री दिव्यशंकर मिश्र के शामिल होने के बात मुख्यमंत्री ने अपने अहंकार के कारण उन्हें मंत्री पद से बरखास्त नहीं किया । पुलिस व क्राइम ब्रांच द्वारा सभी प्रमाण को नष्ट करने का पूरा प्रयास किया है । अब बर्तमान में मुख्य गबाह गोविंद साहू की हत्या कर शेष प्रमाण को नष्ट करने का षडयंत्र रचा गया है ।