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सर्वश्रेष्ठ ज्योतिर्विज्ञानी थे सामंत चंद्रशेखर
भुवनेश्वर। आज कटक के तुलसीपुर स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में “द ओडिशा विज्ञान मण्डल” (विज्ञान भारती) का स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानाचार्य नारायण षाड़ंगी ने कहा कि ‘विज्ञान भारती’ बच्चों में आत्मविश्वास और राष्ट्रीयता जगाने में सराहनीय कार्य करता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विशिष्ट विद्वान मनोज पति ने बताया कि सामंत चंद्रशेखर सिर्फ आंखों के सहारे ज्योतिर्विज्ञान की गुत्थियों को सुलझा दिया था। इसलिए वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिर्वीज्ञानिय़ों में से एक थे। उनके द्वारा रचित “सिद्धांत दर्पण” ज्योतिर्विज्ञान का सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है, जिसमें उन्होंने 24 अध्याय और 2500 श्लोक में सौर मण्डल के सारे ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति और गति के बारे में सटीक प्रमाण और तथ्य दिए हैं। फलित ज्योतिष में उनकी पुस्तक “दर्पण सार” अनोखा और सर्वमान्य है। कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए मण्डल के कटक जिले के महासचिव प्रोफेसर मनोरंजन मोहंती ने गणित और भैतिकी विज्ञान के क्षेत्र में सामंत चंद्र शेखर के प्रदेय को रेखांकित किया। स्मृति रंजन मोहंती ने अतिथियों को धन्यवाद दिया।