Home / Odisha / ओडिशा में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर राजनीति शुरू

ओडिशा में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर राजनीति शुरू

  •  भाजपा और बीजद ने एक-दूसरे पर साधा निशाना

  •  दोनों ने एक-दूसरे पर पहल नहीं करने का लगाया आरोप

  •  भाजपा ने मौजूदा परिस्थियों के लिए बीजद को जिम्मेदार ठहराया

  •  बीजद का पलटवार- पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट की पीठ की स्थापना को आगे नहीं आ रही है केन्द्र सरकार

भुवनेश्वर। पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट की स्थायी बेंच की स्थापना को लेकर उत्पन्न मौजूद परिस्थितियों को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है। भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल ने एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने मौजूदा परिस्थितियों के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली में भाजपा के सांसदों ने कहा कि
पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट का स्थायी बेंच के संबंध में जो स्थितियां उत्पन्न हुईं हैं, उसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। केन्द्रीय कानून मंत्री ने बार-बार संसद में कहा है कि राज्य सरकार को पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट स्थापना को लेकर ठोस प्रस्ताव दे। इसके अलावा बेंच कहां स्थापित होना है, उसकी न्याय की सीमा, आवश्यक अवसंरचना देने के आश्वासन व व्यह वहन करने के संबंध में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व राज्यपाल से चर्चा कर संपूर्ण प्रस्ताव देने पर संसद में इस संबंधी प्रस्तान लाने के लिए केन्द्रीय मंत्री ने बार-बार पत्र के जरिये राज्य सरकार को अवगत कराया है।

मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रुप से हस्तक्षेप करें
भाजपा के सांसदों ने गिरफ्तार किये गये वकीलों को मुक्त कराने के साथ-साथ उनके लाइसेंस को पुनः बहाल करने के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व्यक्तिगत रुप से हस्तक्षेप की मांग की है। भाजपा के पांच सांसदों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है। जिन सांसदों ने संयुक्त रुप से इस पत्र को लिखा है, उनमें सांसद सुरेश पुजारी, बसंत पंडा, संगीता सिंहदेव, जुएल ओराम व नीतेश गंगदेव शामिल हैं। नई दिल्ली में एक पत्रकार वार्ता में इन सांसदों ने इस पत्र के बारे में जानकारी दी।
43 वकीलों के लाइसेंस डेढ साल के लिए निलंबित
राज्य सरकार द्वारा इसमें देरी, सरकार की प्रतिबद्धता की कमी के कारण इस तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई है। इस कारण संबलपुर के अनेक वकील गिरफतार किय़े गये। 43 वकीलों के लाइसेंस को डेढ साल के लिए निलंबित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उसके लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। इसलिए इसका प्रतिकार करने के लिए मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रुप से हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
केन्द्र सरकार नहीं दिखा रही रुचि -बीजद
नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में बीजद के सांसद व प्रवक्ता सस्मित पात्र ने भाजपा पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट की स्थायी बेंच की स्थापना के लिए अवसंरचना व आर्थिक संसाधन समेत सभी प्रकार की सहायता करने के संबंध में केन्द्र सरकार को आश्वासन दिया है, लेकिन केन्द्र सरकार इस बारे में किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखा रही है।
केन्द्रीय सूची में एंट्री-78 के अधिकारों का प्रयोग कर सकती है केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि देश के संविधान में केन्द्रीय सूची में एंट्री-78 के तहत अपनी अधिकारों का प्रयोग कर केन्द्र सरकार पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना कर सकती है।
उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव आता है, तभी भाजपा पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट की स्थायी बेंच की स्थापना को लेकर मगरमच्छ आंसू बहाती है और जब चुनाव समाप्त हो जाता है, तब उसे भूल जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर भाजपा भ्रामक व मिथ्या प्रचार कर रही है।

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *