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कैदी ही संभालेंगे प्रबंधन की जिम्मेदारी
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कुछ कैदी होंगे रेडियो जॉकी की भूमिका में
कारागार के डीजी मनोज छाबड़ा ने बताया कि यह सुविधा एक ऐसा माध्यम होगी, जिसके माध्यम से बंदियों में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे रेडियो स्टेशन कैदियों के लिए मनोरंजन का साधन होंगे और यह उनके तनाव को कम करने के अलावा उन्हें अवसाद से उबरने में मदद करेगा। यह अवधारणा जेल को सजा के स्थान से सुधार केंद्र के रूप में बदलने के लिए भी है। छाबड़ा ने कहा कि कुछ कैदियों में प्रतिभा है और इन-हाउस रेडियो स्टेशनों का प्रबंधन उनके द्वारा किया जाएगा। सूचनाओं के साथ-साथ गीतों और अन्य कार्यक्रमों को स्टेशनों के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा।
इस बीच राज्यभर की कई जेलों में पुस्तकालय भी खोले गए हैं। बंदियों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विभिन्न कलाओं की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।