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राज्य सरकार इस मामले में श्वेतपत्र जारी करे – पृथ्वीराज हरिचंदन
भुवनेश्वर. संकटों से गुजर रहे यस बैंक में महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी की धनराशि को रखे जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर निशानी साधा है. पार्टी ने कहा कि जान-बूझकर भगवान की धनराशि को हड़पने के लिए सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर भगवान की धनराशि को सरकारी बैंक के बजाय निजी बैंक में रखा गया था. इस मामले में सच्चाई को उजागर करने के लिए राज्य सरकार एक श्वेतपत्र लाये. भाजपा के प्रदेश महामंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने यह बात पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कही.
उन्होंने कहा कि करोड़ों भक्तों के भावावेग के साथ जुड़े महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी के 545 करोड़ रुपये की राशि को सूची में शामिल नहीं हुए बैंक में किसी को बिना बताये व एकतरफा रूप से रखने के पीछे कुछ गलत मंशा है, यह स्पष्ट हो चुका है. उन्होंने कहा कि 2017 में तत्कालीन विकास आयुक्त स्टेट लेवल बैंकिंग कमेटी के गाइडलाइन के आधार पर किन बैंकों में धनराशि रखा जाना चाहिए, इसकी एक सूची जारी की थी. इस सूची में 22 सरकारी बैंक तथा तीन सहकारी बैक थे. इस सूची में यस बैंक का नाम नहीं था, लेकिन आश्चर्यपूर्ण तरीके से 2019 के मार्च माह में भगवान जगन्नाथ का 545 करोड़ रुपये व फ्लेक्सि डिपोजिट माध्यम से श्रीमंदिर प्रशासन ने यस बैंक में पैसे जमा किये. सरकारी गाइडलाइन का उल्लंघन कर इस बैंक में पैसे डाले गये.
हरिचंदन ने कहा कि 2019 जुलाई माह में राज्य सरकार ने इस बैंक को सूची में शामिल किया था. सूची में शामिल होने के चार माह पूर्व कैसे यस बैंक में भगवान के पैसे कैसे डाले गये यह सवाल अनुत्तरित है.
उन्होंने कहा कि श्रीजगन्नाथ फाउण्डेशन के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री हैं. फाइव-टी टेक्नोलाजी के आधार पर सरकार चलाने वाली राज्य सरकार में भगवान के 592 करोड़ की राशि को लूटने साजिश में मुख्यमंत्री, उनके कार्यालय, देवोत्तर विभाग व मंदिर प्रशासन शामिल हैं. इस तरह आपराधिक कार्य की जवाबदेही किसकी है. उन्होंने कहा कि इस भ्रष्टाचार की जड़ कहां तक फैली है, इसके लिए राज्य सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे.
उन्होंने कहा कि इस आपराधिक व निंदनीय घटना की उच्चस्तरीय जांच के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई राज्य सरकार करे. अन्यथा पार्टी इस मामले में कानून का सहारा लेगी.