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राजनैतिक स्थिरता, वित्तीय स्वावलंबन, पॉलिसी और विकसित असंरचना निवेशकों को लुभाया
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राज्य सरकार की निर्यात पॉलिसी और फूड पैकेजिंग की पॉलिसी लांच
भुवनेश्वर। खनिज संपदा और एजुकेशन हब के बाद अब ओडिशा औद्योगिक हब का टैग भी हासिल करेगा। राज्य में राजनैतिक स्थिरता, वित्तीय स्वावलंबन, राज्य सरकार की प्रोत्साहन नीतियां तथा विकसित असंरचना और इसको पूरा करने की प्रतिबद्धता निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। यहां के जनता मैदान में आयोजित मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2022 में निर्यात पॉलिसी और फूड पैकेजिंग को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी को ओडिशा के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री प्रताप केशरी देव ने लांच किया तथा राज्य सरकार की योजनाओं से मौजूद निवेशकों और स्टार्टअप को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने वादों पर खरा रहती है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के मंत्र, जितना वादा करो, उतना पूरा करो, न उससे कम और न उससे ज्यादा, के तहत काम किया जाता है। उन्होंने बताया राज्य में परिवहन सुविधाओं अन्य राज्यों से कहीं बेहतर है। सड़क मार्ग से लेकर जलमार्ग यहां उपलब्ध है। निर्यात के मामले में यहां निवेश फायदेमंद साबित हो सकता है। पोर्ट तक के परिवहन खर्च की बचत फायदे को 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी करा देती है।
हजारों एकड़ जमीन तैयार
यहां के जनता मैदान में चल रहे मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2022 में आयोजित ओडिशा – फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में उभरता हुआ स्थल विषयक सत्र को संबोधित करते हुए ओडिशा के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री प्रताप केशरी देव ने कहा कि राज्य में हजारों एकड़ जमीन उद्योग स्थापना के लिए तैयार है। एकल खिड़की अधिकांश मामलों का निपटारा होता है। एक महीने के अंदर ही जमीन सौंप दी जाती है। इसके लिए राज्य सरकार प्रोत्साहन भी दे रही है।
सड़क और जलसंपर्क मजबूत हुए
उन्होंने बताया कि राज्य के अधिकांश औद्योगिक क्षेत्र सड़क संपर्क के जुड़े हुए हैं। बीजू एक्सप्रेस-वे यातायात के लिए तैयार है। रेल संपर्क और जलसंपर्क भी ओडिशा को औद्योगिक हब बनाने में मददगार हैं। राज्य में पारादीप, धामरा, गोपालपुर पोर्ट पास में हैं, जिससे परिवहन खर्च में बचत होती है।
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