-
विपक्ष ने सरकार पर आरोपितों को बचाने का लगाय आरोप
-
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की चुप्पी पर कांग्रेस ने उठाये सवाल
-
नवीन सरकार अपराधियों को सुरक्षा नहीं देती – गृह राज्य़ मंत्री
भुवनेश्वर। बहुचर्चित लेडी ब्लैकमेलर अर्चना नाग मामले में आज विधानसभा में जोरदार बहस हुई। इस संबंधी कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी भाजपा व कांग्रेस ने जहां इस मामले में सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पर निशाना साधा, वहीं राज्य सरकार ने कहा कि इस मामले में किसी को बचाया नहीं जा रहा है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा कि अर्चना नाग मामले में मुख्यमंत्री ने अब तक अपना मुंह क्यों नहीं खोला है। क्या और कौन ब्लैकमेल हुआ है, इस बारे में राज्य की जनता जानना चाहती है। बड़े-बड़े नेता व अधिकारियों के साथ अर्चना नाग का फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि इस मामले की जांच कर रही पुलिस उन्हें एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है। इस घटना को दबाने में राज्य सरकार पूर्ण रुप से प्रयास कर रही है। इसलिए इस मामले में कांग्रेस मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से त्यागपत्र की मांग करती है।
मामले को रफा-दफा करने में लगी सरकार – भाजपा
भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने इस मामले में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अनेक मंत्री, विधायक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व अन्य वरिष्ठ लोग शामिल हैं। उनके पास से अनेक फोटो, डायरी व लैपटॉप मिला है, लेकिन इस पर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय राज्य सरकार इस मामले को रफा-दफा करने के प्रयासों में जुटी है।
सरकार ने कभी भी अपराधियों को सुरक्षा नहीं दी – गृह राज्य मंत्री
इस मामले में जवाब देते हुए राज्य के गृह राज्य मंत्री तुषार कांति बेहरा ने कहा कि राज्य सरकार ने कभी भी अपराधियों को सुरक्षा नहीं दी है। इस तरह के आरोप आधारहीन हैं। इस मामले में जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।