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बैंक से ऋण लेने के बाद भी नहीं दिया फ्लैट
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जांच में ईओडब्ल्यू ने कइयों के साथ ठगी का मामला पाया
भुवनेश्वर। राजधानी में फ्लैट खरीदारों को धोखा देने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बिल्डर को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि धोखाधड़ी की रकम लगभग 1.72 करोड़ रुपये है। गिरफ्तार बिल्डर पहचान मनोज पटनायक के रूप में बतायी गयी है। आरोपी को ओपीआईडी अधिनियम की धारा छह की आरडब्ल्यू आईपीसी 420/406/467/468/471/120-बी के तहत शनिवार को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया।
बताया जाता है कि 6 फरवरी, 2022 को एक मामला दर्ज कराया था। मनोज पटनायक
बसेरा डिज़ाइन्स (प्राइवेट) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। उनके खिलाफ ज्योति शंकर पंडा ने शिकायत दर्ज करायी थी। आरोप लगाया गया है कि पटनायक और कंपनी के उनके सहयोगियों ने भुवनेश्वर शहर के बाहरी इलाके में सिजुआ में “बसेरा फ्रेस्को” परियोजना में उन्हें फ्लैट उपलब्ध कराने के नाम पर उनसे और कई अन्य लोगों से 1,15,82,550 रुपये की धोखाधड़ी की। ज्योति शंकर पंडा और उनके भाई सुभा शंकर पंडा ने बसेरा डिजाइन्स (प्राइवेट) लिमिटेड के प्रोजेक्ट ‘बसेरा फ्रेस्को’, सिजुआ में 41,50,000 रुपये में 3-बीएचके फ्लैट बुक किया था।
तदनुसार, 25 अप्रैल, 2016 को एमडी मनोज पटनायक के साथ एक ‘अपार्टमेंट में मालिकाना अधिग्रहण के लिए एग्रीमेंट किया गया था और शिकायतकर्ता को फ्लैट नंबर 306 आवंटित किया गया था। फ्लैट 30 जून, 2017 के भीतर सौंपने का दिन दिया गया था। शिकायतकर्ता को इलाहाबाद बैंक, ओल्ड स्टेशन स्क्वायर शाखा से इस उद्देश्य के लिए 32 लाख रुपये का आवास ऋण मंजूर किया गया था। इसके लिए बैंक, बिल्डर (वर्तमान आरोपी) और शिकायतकर्ता के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। फिर बैंक ने डीडी के माध्यम से 18.50 लाख रुपये जारी किया, जिसे”बसेरा डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड” के खाते में जमा किया गया। आरोप है कि पटनायक ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर फ्लैट खरीदार को ठगने की साजिश रची। न तो उसने पंडा को फ्लैट दिया और न ही मिली रकम वापस की। यहां तक कि अभियुक्तों ने बीडीए के अनुमोदन का नवीनीकरण भी नहीं कराया जो तीन वर्ष के अनुमोदन के बाद होना चाहिए था।
यह जानकारी देते हुए ईओडब्ल्यू ने आज एक बयान में कहा कि बाद में उन्होंने पलासुनी इलाके में स्थित अपने कार्यालय को बंद कर दिया और कई फ्लैट खरीदारों को धोखा देने के बाद फरार हो गये। जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने पाया कि पटनायक ने अपनी पत्नी सुचित्रा बिसोई, बसेरा डिज़ाइन्स के एक अन्य निदेशक और अन्य के साथ सिजुआ में अपनी परियोजना ‘बसेरा फ्रेस्को’ में लगभग 1.72 करोड़ रुपये के फ्लैट उपलब्ध कराने के बहाने कई अन्य भोले-भाले निवेशकों को धोखा दिया था।
कई निवेशकों ने वर्तमान अभियुक्त बिल्डर और बैंकों के साथ अपार्टमेंट/त्रिपक्षीय समझौतों में स्वामित्व के अधिग्रहण को निष्पादित करके इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक और अन्य बैंकों से ऋण लिया था। त्रिपक्षीय समझौते के बल पर बसेरा डिज़ाइन्स (पी) लिमिटेड को पर्याप्त मात्रा में ऋण वितरित किए जाने के बाद वर्तमान आरोपी और उसके अन्य सहयोगी अपने कार्यालय को बंद करके फरार हो गए। ईओडब्ल्यू ने कहा कि न तो उन्होंने समझौते के अनुसार फ्लैट निवेशकों को सौंपे और न ही निवेश की गई राशि वापस की। इतना ही नहीं, आरोपियों ने बसेरा वृंदाबन, बसेरा इम्प्रेशन प्लस, बसेरा हार्मोनी, बसेरा आंगन आदि जैसी विभिन्न परियोजनाओं में कई अन्य निवेशकों को भी धोखा दिया है। बताया गया है कि इनके खिलाफ कुछ अन्य मामले भी दर्ज किये गये हैं। इससे पहले मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा गया था। मामले में कुछ जाली दस्तावेजों सहित धोखाधड़ी से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं।