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राज्य में हाथियों की अप्राकृतिक मौत रोकने के लिए दिसंबर से लागू होगी कार्ययोजना
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हाथियों की सुरक्षा को लेकर लोगों को बनाया जायेगा संवेदनशील
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हाथियों की अप्राकृतिक मौत रोकने के लिए गठित जेटीएफ ने होईकोर्ट में हलफनामा दायर कर दी जानकारी
भुवनेश्वर। ओडिशा में सभी हाथी गलियारों की पहचान की जायेगी तथा हाथियों की अप्राकृतिक मौत रोकने के लिए दिसंबर महीने से सभी कार्ययोजना लागू की जायेगी। हाथियों की सुरक्षा को लेकर लोगों को संवेदनशील बनाया जायेगा। हाथियों की अप्राकृतिक मौत रोकने के लिए गठित संयुक्त टास्क फोर्स (जेटीएफ) ने होईकोर्ट में हलफनामा दायर कर दी यह जानकारी दी है। जेटीएफ ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में यह हलफनामा दायर किया और अदालत को बताया कि ओडिशा में सभी हाथी गलियारों की पहचान की जायेगी।
जेटीएफ ने बताया कि व्यापक कार्य योजना इस साल दिसंबर तक पूरी तरह से लागू हो जाएगी। टास्क फोर्स 18 जनवरी, 2023 तक उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी योजना के निष्पादन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। टास्क फोर्स ने अपनी कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कहा कि बिजली के झटके और ट्रेन दुर्घटना के कारण हाथियों की मौत को रोकने के प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में बिजली वितरण कंपनियों से बातचीत चल रही है।
इसी तरह हाथी कॉरिडोर में उनकी मौत की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए रेलवे अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पशु कार्यकर्ता शुभेंदु मल्लिक और पर्यावरणविद् विश्वजीत मोहंती को शामिल करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही अदालत ने संबंधित अधिकारियों को कार्य योजना के कार्यान्वयन की प्रगति के बारे में सूचित करने के लिए भी कहा।
हाथियों के अवैध शिकार के मामलों की त्वरित सुनवाई के निर्देश
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हाथियों के अवैध शिकार पर चिंता व्यक्त की और जेटीएफ सदस्य तथा अतिरिक्त एसपी को हाथियों के अवैध शिकार पर दर्ज सभी मामलों की त्वरित सुनवाई का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान जेटीएफ के सभी सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। अगली सुनवाई 18 जनवरी, 2023 को निर्धारित की गई है।
जनवरी तक कार्य योजना पर विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश
याचिकाकर्ता के वकील आशीष मिश्र ने कहा कि अदालत ने जेटीएफ को अगले साल जनवरी तक हाथियों के अवैध शिकार को रोकने के लिए अपनी कार्य योजना के बारे में विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। पीसीसीएफ ने कोर्ट को बताया कि हाथी कॉरिडोर की मैपिंग से संबंधित रिपोर्ट 18 जनवरी को सौंपी जाएगी। पीसीसीएफ ने रेलवे ट्रैक पर हाथियों की मौत को रोकने की योजना के बारे में भी कोर्ट को जानकारी दी।