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डिशा में चिटफंड घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किया न्याय मित्र

  •  वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल जांच में करेंगे सहायता

भुवनेश्वर। ओडिशा में हाई-प्रोफाइल चिटफंड घोटाले की जांच में सहायता के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल को न्याय मित्र नियुक्त किया है। इसके साथ ही उदास निवेशकों में एक बार फिर उनके रकम वापस मिलने की उम्मीद जाग गयी है।
उल्लेखनीय है कि 11 अक्टूबर को एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए देश की शीर्ष अदालत ने ओडिशा सरकार और सीबीआई से चिटफंड लाभार्थियों को पैसा वापस करने के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट देने को कहा था।
न्यायमूर्ति एमआर साहा और न्यायमूर्ति कृष्णमुरारी की अध्यक्षता वाली दो जजों की पीठ ने लाभार्थियों को पैसा लौटाने में हो रही अनावश्यक देरी पर असंतोष व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के साथ-साथ सीबीआई से अब तक हुई प्रगति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
अगली सुनवाई 14 नवंबर को निर्धारित की गई। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 25 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। गौरतलब है कि सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट देने के लिए समय मांगा था। इधर, परेशान निवेशक अपना पैसा वापस लेने की मांग को लेकर बार-बार धरना व प्रदर्शन कर रहे हैं।
विशेष रूप से ओडिशा में संचालित 44 चिटफंड कंपनियों पर सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने पहले लाभार्थियों की पहचान करने के लिए एक जांच आयोग का गठन किया था।

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