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आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में भी ओडिशा का जवाब नहीं

  • ओडिशा के इतिहास एवं नौवाणिज्य परंपरा को याद कर नदी व जल सरोवरों में लोगों ने कागज की नौका बहाकर मनाया बोइत बंदाण पर्व

  • राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी राज्य वासियों को अपनी शुभकामनाएं

  • कार्तिक महीने बुजुर्ग महिलाओं के लिए सरकार करती है विशेष व्यवस्था: पुरी में प्रवास के लिए लगाए जाते हैं विशेष कैंप

  • प्रदेश भर में कार्तिक पूर्णिमा पर नौका बहने है की विशेष परंपरा

  • पूरे महीने लगभग हर घर में बना सात्विक भोजन व की गई विशेष पूजा अर्चना, दरवाजे पर बनायी जाती है रंगोली


शेषनाथ राय, भुवनेश्वर
आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक एवं आपदा प्रबंधन की तरह धर्म संस्कृति के क्षेत्र में भी ओडिशा को कोई जवाब नहीं है। ओडिशा के इतिहास एवं नौवाणिज्य परंपरा को याद करते हुए आज पवित्र नदी व जल सरोवरों में प्रदेश भर के लोगों ने कागज की नौका बहाकर बोइत बंदाण पर्व मनाया। इस अवसर पर ओड़िशा राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर दी राज्य वासियों को अपनी शुभकामना
कार्तिक महीना भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार पवित्र महीना माना गया है। परंपरा है कि इस महीने में महिलाएं नदियों के तट पर रहकर पवित्र स्नान के साथ तुलसी पूजन करती हैं। पूरे भारत ​वर्ष में ओडिशा ही एक इकलौता राज्य है, जहां जगन्नाथ धाम पुरी में वृद्ध महिलाओं के लिए सरकार द्वारा शिविर लगाया जाता है। यहां पर राज्य भर से हजारों की संख्या में बुजुर्ग महिलाएं आध्यात्मिक प्रवास करती हैं और एक महीने तक पूजा अर्चना कर पवित्र महीने का पुण्य प्राप्त कर अपने घर लौट जाती है।
इन शिविरों में जरूरत के हिसाब से सभी प्रकार के सुख सुविधा का प्रबंध राज्य सरकार की तरफ से किया जाता है। कार्तिक महीने का ओडिशा से एक बहुत पुरानी परंपरा जुड़ी हुई है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदियों के रास्ते व्यवसायी व्यवसाय करने विदेश जाते थे। इस परंपरा के निर्वहन करते हुए ओडिशा में रहने वाले लोग हर कार्तिक पूर्णिमा के दिन जलाशयों में नौका बहाकर अपने परिवार के सुख समृद्धि के साथ आर्थिक सबलता की कामना करते हैं। आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर लगने वाले चन्द्रग्रहण के सुतक से पहले राज्य भार में लोगों ने स्थानीय तालाब, नदी एवं नहरों में गीत गान करते हुए नौकाएं बहाकर अपनी प्राचीन परंपरा की यादों को ताजा किया। इतना ही नहीं पूरे कार्तिक महीने में ओडिशा में लगभग हर घर में सात्विक भोजन, विशेष पूजा अर्चना होती रही है। पंचुक के अवसर पर विशेष तौर पर हर घर के सामने रंगोली बनायी गई। कार्तिक महीने के अंतिम पांच दिन को पंचुक कहा जाता है। इस दिन हर दरवाजे पर रंगोली देखी जा सकती है।
मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल ने दी शुभकामना
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रदेश वासियों को ट्वीट कर बोईत बंदाण पर्व की शुभकामना दी। नौका बहाने की परंपरा पर उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में राज्य की समृद्धि, जन की समृद्धि और वैश्विक सुख शांति की कामना की है।

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