
कटक। कटक में आयोजित बालिय़ात्रा मेले में विश्वविख्यात बालुका कलाकार पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने प्राचीन समुद्री व्यापारिक परंपराओं को दर्शाना के लिए यहां के निचले बालियात्रा मैदान में 90-100 टन रेत का उपयोग करके एक नाव की बालुका बनायी है। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर ओडिशा के डीजीपी सुनील कुमार बंसल ने रेत की मूर्ति का उद्घाटन किया।
बंसल ने रेत कला का उद्घाटन करने के बाद कहा कि मेरे पास पटनायक द्वारा बनाई गई बालुका की सुंदरता का वर्णन करने के लिए शब्दों की कमी है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि इतनी सुंदर चीज बनाई जा सकती है।
सुदर्शन पटनायक ने कहा कि यह कलाकृति 68 फीट लंबी और 42 फीट चौड़ी है और इसमें 25,500 दीये लगाए गए हैं। इसे बनाने के लिए मेरे स्कूल के 20 छात्रों ने तीन दिनों तक मेरे साथ कड़ी मेहनत की। इसे बनाने में हमने 90-100 टन रेत का इस्तेमाल किया है। मूर्तिकला कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों और जल निकायों में दीपक के साथ नौकायन नौकाओं की अनूठी ओडिया परंपरा पर आधारित है।
पटनायक ने बताया कि उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए आधिकारिक तौर पर ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ से अनुरोध किया है। उन्होंने हमें एक प्रयास करने की अनुमति दी है।
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