भुवनेश्वर। 1985 बैच के भारतीय रेल इंजीनियरिंग सेवा (आईआरएसई) के अधिकारी रूप नारायण सुनकर ने सोमवार को पूर्व तट रेलवे में महाप्रबंधक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। नई पदस्थापना से पूर्व सुनकर बिलासपुर में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने पश्चिम मध्य रेलवे में मुख्य परियोजना निदेशक (सीपीडी)/पुल कार्य, मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम)/रतलाम, उत्तर मध्य रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे में मुख्य पुल अभियंता, बिलासपुर में मुख्य अभियंता (निर्माण) के रूप में भी काम किया।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से इंजीनियरिंग स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, श्री सुनकर 1985 में भारतीय रेलवे में शामिल हुए। उन्हें परियोजनाओं के निर्माण और उसकी शुरुआत का व्यापक अनुभव है। इनके नेतृत्व में 2020-21 के दौरान, 228 किलोमीटर की रेलवे परियोजनाओं को चालू किया गया, जिसमें नई लाइन और दोहरीकरण और तीसरी लाइन शामिल है, जो भारतीय रेलवे के सभी जोनल रेलवे में सबसे अधिक प्रगति है। इसके अलावा एसेट कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेंस जैसे ब्रिज वर्क आदि में इन्होंने प्रोएक्टिव एप्रोच अपनाकर प्रोजेक्ट्स का क्रियान्वयन किया जिसकी हर तरफ से तारीफ की गयी।
सुनकर अत्यधिक प्रतिबद्ध और समर्पित अधिकारी हैं, जिनके पास ब्रिज वर्क्स का शानदार ज्ञान और अनुभव है, जो हमेशा अतिरिक्त जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार रहते हैं। सुनकर अत्यधिक प्रेरक व्यक्तित्व के अधिकारी भी हैं, जिन्होंने असाधारण नेतृत्व कौशल प्रदान कर अपने सहयोगियों का विश्वास अर्जित किया है।
हर कार्य को चुनौती मानकर सुनकर भारतीय रेल के मिशन को पूरा करने के लिए सदैव आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं।
बीटेक में अपनी डिग्री के अलावा बुनियादी ढांचे, संपत्ति के निर्माण और रखरखाव में विशाल ज्ञान के साथ सुनकर ने 2005 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से एलएलबी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली से पर्यावरण और सतत विकास में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और आपदा प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी पूरा किया है।