हेमन्त कुमार तिवारी, कटक।
ओडिशा के राज्यपाल डा प्रोफेसर गणेशी लाल ने आज साफ शब्दों में कहा कि अयोध्या के बाद अब प्रयागराज और ज्ञानव्यापी की बारी है। राज्यपाल गणेशी लाल ने आज कटक के मंगराजपुर स्थित नंद गांव वृद्ध गोसेवा आश्रम में गोपाष्टमी पर आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि भूमिजा यानि पृथ्वी से उत्पन्न अयोध्या अब मुक्त हो गया है। अभी नंदी की बारी है, प्रयागराज की बारी है। ज्ञानव्यापी की बारी है। इसके साथ ही मथुरा का भी काम चालू हो गया है। ये तीनों स्थान हमारे नंदी से जुड़े हैं, पृथ्वी से जुड़े हैं और गाय से जुड़े हैं और गोपाल से जुड़े हैं। एक मुक्त हो गया है और दोनों के मुक्त होने के नंबर आ गया है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी दिशा चल रहे हैं। ऐसा मुझे लगता है। उन्होंने कहा कि मैं गलत हो सकता हूं, लेकिन गलत होता नहीं हूं। इसलिए मुझे लगता है कि ऐसा होने वाला है। इससे पहले उन्होंने कहा कि धरती पर जब भी अत्याचार बढ़े हैं, गोमाता पर संकट आये हैं, तब-तब परशुराम का जन्म हुआ है और उन्होंने एक नहीं 30 बार अत्याचारियों का अंत किया है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कहा गीता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने धरती पर कण-कण में भगवान को देखा है। अपने संबोधन के समापन में राज्यपाल ने लोगों से गोसेवा का आह्वान किया।
नंद गांव वृद्ध गोसेवा आश्रम में गोपाष्टमी महोत्सव मना
कटक के मंगराजपुर स्थित नंद गांव वृद्ध गोसेवा आश्रम में गोपाष्टमी महोत्सव और दीपालवी बंधुमिलन मना। इस मौके पर राज्य के राज्यपाल प्रो गणेशीलाल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित। इस दौरान गोसेवा में सहयोग देने के लिए पवन गुप्ता, नरेश गनेरीवाल, रामकरण अग्रवाल समेत कई विशिष्ठ गोभक्तों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने इन सभी लोगों को स्मृति चिह्न और शाल भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर मंच पर नंद गांव वृद्ध गोसेवा आश्रम के को-चैयरमैन विजय खंडेलवाल और नथमल चनानी, बतौर सम्मानित अतिथि समाजसेवी व उद्योगपति महेंद्र गुप्ता, श्यामसुंदर पोद्दा तथा बड़चना के विधायक अमर सतपथि उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक भजनों के साथ हुई। मंच का संचालन नंद गांव वृद्ध गोसेवा आश्रम के अध्यक्ष कमल सिकरिया ने किया, जबकि आश्रम से संबंधित जानकारियां पदम भावसिंहका ने प्रदान की। इस अवसर पर कटक और भुवनेश्वर के कई समाजिक संस्थाओं के अध्यक्ष और सचिव को सम्मानित किया गया। इस दौरान नंद गांव वृद्ध गोसेवा आश्रम की तरफ से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर पुरी के स्वर्गद्वार में गोकाष्ठ के प्रयोग करने की मांग की गयी।