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ओडिशा आपदा तैयारी दिवस और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस मना
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मुख्यमंत्री ने आपदा से निपटने की तैयारियों से कराया अवगत
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कहा- दुनिया ने आपदा से निपटने के हमारे प्रयासों को मान्यता दी
भुवनेश्वर। ओडिशा आपदा तैयारी दिवस और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने साल 1999 में आये सुपर साइक्लोन में जान खोने वाले लोगों को याद किया तथा आपदा से निपटने को लेकर किये गये प्रयासों पर प्रकाश डाला।
उल्लेखनीय है कि साल 1999 में महाचक्रवात के दौरान हुए विनाश को देखते हुए हर साल 29 अक्टूबर को ओडिशा आपदा तैयारी दिवस और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर आज मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आपदा में खोये हुए सभी जीवन को याद करते हुए कहा कि यह वर्तमान स्थिति पर चिंतन और भविष्य के लिए संकल्प लेने का दिन है।
ओडिशा को सुरक्षित स्थान बनाने का प्रयास किया
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि सुपर साइक्लोन के बाद के 23 वर्षों के दौरान हमने ओडिशा को आपदाओं के दौरान एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। ओडिशा में आज आपदा प्रबंधन के लिए सबसे मजबूत बुनियादी ढांचा है। इन सभी वर्षों में दुनिया ने हमारे प्रयासों को मान्यता दी है। मैं अपने 4.5 करोड़ भाइयों और बहनों को एक आपदा प्रतिरोधी ओडिशा के निर्माण में उनके समर्थन और एकजुटता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
नवीन ने राहत के प्रयासों की सराहना की
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आपदाओं के समय राहत और बचाव के लिए किये जा रहे सभी समन्वित प्रयासों की सराहना की। उन्होंने पीआरआई के सदस्यों, मिशन शक्ति समूह के सदस्यों, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं जैसे फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, गैरसरकारी संगठनों और सामुदायिक स्तर के स्वयंसेवकों, सरकारी अधिकारियों, ओड्राफ, अग्निशमन सेवाओं, एनडीआरएफ और पुलिसकर्मियों के मानव हताहत को कम करने के लिए उनके समन्वित कार्य के प्रयासों को खूब सराहा।
बाढ़ के दौरान 2.7 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
मुख्यमंत्री ने बताया कि चालू वर्ष 2022 के दौरान राज्य को महानदी, बैतरणी और सुवर्णरेखा नदियों में आये बाढ़ का सामना करना पड़ा। इससे 16 जिलों में 23 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। मजबूत तैयारियों और समन्वित प्रयासों के कारण हमने लगभग 2.7 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और समय पर राहत और बहाली के उपाय किये।
815 बहुउद्देश्यीय चक्रवात और बाढ़ आश्रयों का निर्माण
उन्होंने कहा कि ओडिशा की भौगोलिक स्थिति इसे प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त बनाती है। सुपर साइक्लोन से साल 1999 में लगभग 10 हजार लोग मारे गये थे। तब राज्य में सुरक्षित आश्रय नहीं थे। इसके बाद इन वर्षों के दौरान 815 बहुउद्देश्यीय चक्रवात और बाढ़ आश्रयों का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से 55 नये आश्रय स्थल निर्माणाधीन हैं।