-
धौली शांति स्तुप के स्वर्णजयंती कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
-
विश्वभर से वौद्ध सन्यासी कार्यक्रम में हुए शामिल
भुवनेश्वर। शांति का कोई विकल्प नहीं है। सभी युगों में शांति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एक सुंदर विश्व को बनाने में शांति ही एक मात्र विकल्प है। धौली स्थित शांति स्तुप के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में शामिल होकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ये बातें कहीं।
उन्होंने इस अवसर पर लोगों से आह्वान किया कि आइये सभी मिलकर शांति के संदेश का प्रचार करें तथा आगामी पीढ़ी के लिए विश्व के एक सुरक्षित स्थान के रुप में तैयार करें। उन्होंने कहा कि ओडिशा का इतिहास धौली व कलिंग युद्ध के साथ प्रारंभ होता है। इस युद्ध में भीषण रक्तपात हुआ। इसके बाद भी धौली मानवकता का नैतिक विजय का गीत गा रहा है। यह वही स्थान है, जहां अशोक समझ गये थे कि युद्ध व रक्तपात से कुछ नहीं होता है। उन्होंने बौद्ध मत ग्रहण किया था। धौली ने विश्व के इतिहास का बदल दिया था एवं वैश्विक शांति का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि शांति स्तुप के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ विकास के लिए कदम उठा रहे हैं। इसे एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाएगा।
दया नदी पर इनस्ट्रीम स्टोरेज का होगा निर्माण
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि दया नदी पर एक इनस्ट्रीम स्टोरेज का निर्माण किया जाएगा। इसमें 95 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी।
समृद्ध-सुख और शांति की प्रार्थना
धौलीगिरि स्थित धौली शांति स्तूप की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ-साथ इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूरे विश्व से अनेक बौद्ध संन्यासी पहुंचे थे। कार्यक्रम में मंत्री अशोक पंडा, अश्विनी पात्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान सभी राज्य की समृद्ध-सुख और शांति की प्रार्थना की।