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धर्मेन्द्र साहू आत्महत्या और अर्चना नाग मामलों की जांच के दारये में बीजद नेताओं को लाने की मांग
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सात दिनों में मांगें पूरी नहीं होने पर 58 सब डिविजनों का होगा घेराव
भुवनेश्वर। 22 सालों से राज्य में सत्तारुढ़ बीजू जनता दल की सरकार में महिलाओं से दुष्कर्म, भ्रष्टाचार यौन अपराध आदि मामले निरंतर बढ़ रहे है। निमापड़ा के जिला परिषद सदस्य धर्मेन्द्र साहू आत्महत्या के मामले में मंत्री समीर रंजन दाश का नाम सामने आने के साथ ही अब अर्चना नाग मामले में बीजद के अनेक लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार इन मामलों की जांच को भटकाने का प्रयास कर रही है। आगामी सात दिनों के अंदर यदि बीजद नेताओं को जांच के दारये में नहीं लाया जाता है, तो भाजपा राज्य के समस्त 58 सब डिविजनों का घेराव करेगी। भाजपा के प्रदेश महामंत्री डा लेखाश्री सामंतसिंहार ने एक पत्रकार सम्मेलन में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि लेडी ब्लैकमेलर अर्चना नाग मामले में अनेक मंत्री व 30 से अधिक विधायकों का नाम आ रहा है। बीजद के इन नेताओं के सहयोग से वह अपना साम्राज्य चला रही थी। इन नेताओं के साथ उसका करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। केवल उतना ही नहीं अर्चना नाग के कहने पर ट्रान्सफर, पोस्टिंग आदि निर्णय़ किये जा रहे थे। भारत–दक्षिण अफ्रीका मैच में उसे 2 सौ पास दिये गये थे। मैच के लिए तत्कालीन मंत्री प्रताप जेना उसे एसकर्ट करते हुए स्टेडियम के अंदर गये थे। इससे स्पष्ट है कि बीजद के बड़े-बड़े नेता उसके साथ जुड़े हुए हैं, लेकिन मामले की जांच में इन नेताओं को शामिल नहीं कर रही है।