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18 दिनों में 13 बच्चों की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण – मोहन माझी
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केन्दुझर जिले में 8583 करोड़ रुपये डीएमएफ फंड में होने के बावजूद कुपोषण से बच्चों की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण
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कुपोषण को रोकने में राज्य सरकार पर नाकाम होने का लगाया आरोप
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पीएम पोषण अभियान को राज्य में विफल करने के राज्य सरकार कर रही है प्रयास
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केन्दुझर में बच्चों की मौत के मामले में हाईकोर्ट के शिटिंग जज से हो जांच
भुवनेश्वर। केन्दुझर जिला मुख्यालय अस्पताल में 18 दिनों में 13 बच्चों की मौत होने के मामले मे भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को घेरा है। पार्टी के विधायक दल के सचेतक मोहन माझी ने कहा कि राज्य में कुपोषण को रोकने में राज्य सरकार पूर्ण रुप से नाकाम रही है।
उन्होंने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केन्दुझर अस्पताल में जिन बच्चों की जानें गई हैं उनमें अनेक बच्चे कुपोषण के शिकार थे।
उन्होंने कहा कि केन्दुझर जिला एक जनजाति बहुल जिला तथा खदानों से भरा जिला है। यहां के जनजातीय बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। इस संबंध में उन्होंने केन्दुझर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया है, लेकिन जिलाधिकारी या कोई और अधिकारी इस पर ध्यान देने के या वास्तविकता को देखने नहीं गये हैं।
केन्दुझर जिला मुख्यालय व मेडिकल कालेज में नियुक्त डाक्टर अधिकांश समय छुट्टी पर रहते हैं। जिले में बाल रोग विशेषज्ञो की कमी है। उन्होंने कहा कि खनिज संपदा से भरे होने के कारण केन्दुझर जिले के पास पैसे की कमी नहीं है। कुपोषण हो या डाक्टरों की नियुक्ति का कार्य जिला प्रशासन कर सकती है। उन्होंने खनिज जिला होने के कारण डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएएमएफ ) फंड में 8583 करोड़ रुपये हैं। इसके बावजूद जिले में जनजातीय बच्चों के कुपोषण से व चिकित्सा में लापरबाही से इतने संख्या में बच्चों की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद पीएम पोषण योजना में देश को कुपोषण से मुक्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। केन्द्र सरकार इस योजना में करोड़ों रूपये की राशि ओडिशा भेज रही है, लेकिन इस राशि को खर्च करने में अनियमितता हो रही है। उन्होंने कहा कि केवल इतना ही नहीं, इस योजना के लिए अगली किस्त प्राप्त करने हेतु जो कागजाद प्रदान करने थे और जिन गाइडलाइन का अनुपालन किया जाना था, उसे राज्य सरकार ने नहीं किया। इस कारण पीएम पोषण योजना में केन्द्र सरकार से धनराशि प्राप्त करनें में अनावश्यक देरी हो रही है। इसका खामियाजा राज्य के बच्चे उठा रहे हैं। केन्द्र सरकार के इस योजना को राज्य में विफल करने के लिए नवीन सरकार प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि केन्दुझर बच्चों की मौत के मामले में हाईकोर्ट के शिटिंग जज से जांच किया जाना चाहिए।