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अब चीन के तियानजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी मेडिकल की पढ़ाई करेंगे ओडिशा के बच्चे : डीएन त्रिवेदी
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यूनिवर्सिटी के भारतीय प्रतिनिधि ने कहा- विश्व के पांचवें श्रेष्ठ यूनिवर्सिटी में भारतीय बच्चों के पढ़ने का सपना होगा साकार
भुवनेश्वर। विदेश जाकर डाक्टरी पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की पहली पसंद चीन की तियानजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी है। यह यूनिवर्सिटी ग्रोवेल कंसलटेंसी एवं चीन में मौजूद भारतीय दुतावास के द्वारा प्रमाणित एवं विश्वसनीय है। यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में जानकारी देते हुए ग्रोवेल कंसलटेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर तथा तियानजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के भारतीय प्रतिनिधित्व करने वाले डीएन त्रिवेदी ने कहा कि नीट की परीक्षा देने वाले लाखों की संख्या में भारतीय बच्चों का भविष्य अनिश्चितता एवं अंधकार के घेरे में है। भारत के निजी मेडिकल कालेजों में फीस इतनी ज्यादा है कि वे चाहकर भी मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी कालेजों में कट अफ मार्क एवं निजी कालेजों में लगने वाले शुल्क उनके डाक्टर बनने के सपने को बाधित कर रहे हैं। ऐसे में इन बच्चों के लिए ग्रोवेल कंसलटेंसी ने चीन के तियानजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सुन्दर अवसर दे रही है।
डीएन त्रिवेदी ने कहा कि तियानजिन यूनिवर्सिटी एशिया के टॉप पांच मेडिकल कालेज में शामिल है और भातीय दूतावास की वेबसाइट में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जिन 45 विदेशी मेडिकल कालेजों को अनुमति दी गई है, उसमें तियानजिन यूनिवर्सिटी भी शामिल है। तियानजिन यूनिवर्सिटी भारत सरकार की सभी गाइडलाइन का मानते हुए भारतीय बच्चों को शिक्षा दे रही है। यहां एशिया का सबसे बड़ा कैंसर रिसर्च सेंटर हैं। यूनिवर्सिटी के भारतीय रिप्रंजेटेटिव त्रिवेदी ने बताया कि यहां दाखिला लेने वाले बच्चों का पूरे छह साल तक उनके देख रेख का पूरा दायित्व कंसलटेंसी देखती है। उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में पूरे विश्व के 93 देशों के बच्चे मेडिकल की पढ़ाई करने आते हैं, जिसकी डिग्री ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में स्वीकार्य है। 2003 से अब तक हर साल भारत से 70 से 80 बच्चे यहां पढ़ने जाते हैं। इस पत्रकार सम्मेलन में त्रिवेदी के अलावा ओडिशा के प्रतिनिधि डा अजय मिश्र व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।